विश्वास वर्ष का शुभारम्भ और द्वितीय वाटिकन महासभा की 50 वीं वर्षगाँठ पर मोमबत्ती जुलूस
का आयोजन
रोम 12 अक्तूबर 2012 (वीआरवर्ल्ड) संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें द्वारा विश्वास वर्ष का
उदघाटन किये जाने तथा द्वितीय वाटिकन महासभा के शुरू होने की 50 वी वर्षगाँठ के उपलक्ष्य
में 11 अक्तूबर की संध्या पहर में रोम स्थित कास्तेल संत आन्जेलो के समीप संत जोन 23
वें प्रांगण से लेकर संत पेत्रुस बासिलिका के प्राँगण तक मोमबत्ती जुलुस या शोभा यात्रा
का आयोजन किया गया जिसमें लगभग 40 हजार विश्वासी शामिल हुए।
इताली काथलिक एक्शन
द्वारा आयोजित इस शोभायात्रा में रोम धर्मप्रांत के विभिन्न पल्लियों तथा विश्व के विभिन्न
भागों से आये हजारों लोग शामिल हुए। शोभायात्रा का समापन संत पेत्रुस बासिलिका के प्रांगण
में हुआ। जैसा कि धन्य संत पापा जोन तेईसवें ने 50 वर्ष पूर्व 11 अक्तूबर 1962 को वाटिकन
स्थित प्रेरितिक प्रासाद के झरोखे से बासिलिका के प्रांगण में उपस्थित विश्वासियों को
सम्बोधित किया था उसी तरह संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने भी प्रेरितिक प्रासाद की उसी
खिड़की से बासिलिका के प्रांगण में एकत्रित विश्वासियों का अभिवादन कर उन्हें सम्बोधित
किया।
संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने कहा जैसा कि 50 वर्ष पूर्व हुआ आज हम भी
खुश हो सकते हैं क्योंकि हम अपने अंदर सुसमाचार के आनन्द को धारण करते हैं। धन्य संत
पापा जोन तेईसवें की अतिविशिष्ट,नबूवती नम्रता और लोकप्रियता को उजागर करते हुए संत पापा
ने कहा 50 साल पहले इसी खिड़की पर भले संत पापा जोन आये तथा हमें अविस्मरणीय शब्दों से
सम्बोधित किया जिसमें कविता, सदइच्छा और दिल से निकले शब्द थे। तब हम बहुत खुश और उत्साह
से भरे थे। महान कलीसियाई कौंसिल आरम्भ हुई थी हम आश्वस्त थे कि यह कलीसिया के लिए नया
वसंतऋतु, नया पेंतेकोस्त है। यद्यपि कलीसिया अपकीर्ति और अपने सदस्यों यहाँ तक कि मेषपालों
के पाप के बोझ के कारण पीड़ा सहती है हम आज भी महान आनन्द अनुभव कर सकते हैं, हम ईश्वर
की उपस्थिति को, उनकी उपस्थिति की भलाई को अनुभव करते हैं।
संत पापा ने अपने
सम्बोधन का समापन भले संत पापा जोन तेईसवें के शब्दों को दुहराते हुए किया- घर में अपने
बच्चों के पास जायें और कोमलतापूर्वक उनका आलिंगन करें। उनसे कहें कि यह कोमलता संत पापा
की ओर से है।