काथलिकों और आर्थोडोक्सों के मध्य प्रेम और सौहार्द के 50 वर्ष
वाटिकन सिटी 11 अक्तूबर 2012( एशिया न्यूज) विश्वास वर्ष के आरम्भ होने तथा द्वितीय
वाटिकन महासभा के शुरू होने की 50 वीं वर्षगाँठ पर 11 अक्तूबर को संत पेत्रुस बासिलिका
के प्रांगण में आयोजित समारोही ख्रीस्तयाग में आर्थोडोक्स कलीसिया के प्राधिधर्माध्यक्ष
बारथोलोमियो प्रथम की उपस्थिति से प्रेम और सौहार्द की इच्छा तथा संवाद और परस्पर सम्मान
का साक्ष्य मिला। कुस्तुंतुनिया के कलीसियाई एकतावर्द्धक प्राधिधर्माध्यक्ष बारथोलोमियो
प्रथम ने संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें द्वारा अर्पित समारोही ख्रीस्तयाग के अंत में कहा
कि कुस्तुंतुनिया के आर्थोडोक्स प्राधिधर्माध्यक्ष कलीसियाई एकतावर्द्धकता के लिए सदैव
समर्पित रहे हैं जो द्वितीय वाटिकन महासभा का मुख्य प्रतिफल रहा है। प्राधिधर्माध्यक्ष
बारथोलोमियो प्रथम ने अपने सम्बोधन में काथलिक और आर्थोडोक्स विश्वासियों के मध्य होनेवाले
ईशशास्त्रीय संवाद के शुरू होने के लिए जो कदम उठाये गये इनका भी स्मरण किया। इसके साथ
ही उन्होंने इंगित किया कि वाटिकन द्वितीय वाटिकन महासभा ने आर्थोडोक्स चर्चों के मध्य
भी एकता की खोज को गति प्रदान किया। उन्होंने कहा कि ख्रीस्त ने गेथसेमानी अनुभव
के पहले शिष्यों के मध्य एकता के लिए प्रार्थना किया ईसाईयों के मध्य एकता, हमारे बंधुओं
मुख्यतः निर्धनों, शोषितों और वंचित तबके के लोगों के साथ चंगाई और मुक्ति के संदेश का
सामान्य साक्ष्य दिये जाने का काम है। हिंसा, विभाजन और टूट की वर्तमान धारा जो लोगों
और राष्ट्रों के मध्य बढ़ती जा रही है इसके बीच प्रेम और सौहार्द की इच्छा जिसे हम यहाँ
प्रकट करते हैं तथा समझदारी जिसकी खोज हम संवाद और परस्पर सम्मान के द्वारा करते हैं
हमारे विश्व के लिए आदर्श बने।