आंगलिक धर्मगुरू का कहना सुसमाचार प्रचार ख्रीस्त के अनुभव से प्रवाहित हो
वाटिकन सिटी 11 अकटूबर 2012 (सीएनएस) आंगलिकनों के धर्मगुरू कैंटरबरी के महाधर्माध्यक्ष
रोआन विलियम्स ने संत पापा और धर्मसभा के धर्माचार्यों को 10 अक्तूबर को सम्बोधित करते
हुए कहा कि सुसमाचार प्रचार कोई प्रोजेक्ट नहीं है लेकिन जीवन में पूर्ण परिवर्तन लाने
तथा इसे अर्थ और खुशी प्रदान करनेवाले ख्रीस्त और उनकी कलीसिया के अनुभव का नैसर्गिक
प्रवाह है। उन्होंने कहा कि जो लोग इसके बारे में बहुत कम जानते हैं तथा कलीसिया
की संरचनाओं और संस्थानों की बहुत कम परवाह करते हैं वे भी उन ईसाईयों के द्वारा आकर्षित
होते और चुनौती महसूस करते हैं जिनका जीवन दिखाता है कि ख्रीस्त के साथ साक्षात्कार होने
के बाद पूर्ण परिवर्तित हो गये हैं। आंगलिकन धर्मगुरू महाधर्माध्यक्ष रोआन विलियम्स
ने अपने सम्बोधन के शुरूआत में द्वितीय वाटिकन महासभा का स्मरण करते हुए कहा यह चिह्न
था कि कलीसिया इतनी मजबूत थी कि अपनी संस्कृति और संरचनाओं के बारे में गंभीर सवालों
को स्वयं से पूछ सकी क्या वह सुसमाचार की शेयरिंग करने के काम के लिए पर्याप्त थी जो
आधुनिक संसार के जटिल, बहुधा विद्रोही तथा बेचैन मन को शांत कर सके। उन्होंने कहा
कि नवीन सुसमाचार प्रचार पर हो रही धर्मसभा अनेक मायने में द्वितीय वाटिकन महासभा के
काम की निरंतरता है। सुसमाचार को प्रस्तुत करने का अर्थ है कि दृढ़मत होना कि इसके पास
विशिष्ट, जीवन दायी संदेश है। इस संदेश पर विश्वास और स्वयं में विश्वास का विकास मनन
चिंतन के द्वारा किया जा सकता है। हमारे मन को स्थिर तथा ग्रहण करने के लिए तैयार कर
हम ऐसे बिन्दु पर हैं जहाँ से बढ़ना शुरू कर सकते हैं।