वाटिकन सिटी, 8 अक्तूबर, 2012 (वीआर, अंग्रज़ी) वाटिकन प्रवक्ता फादर फेदेरिको लोमबारदी
ने कहा है कि सिनॉद एक ऐसा समय है जब सिनॉद के सदस्य "एक साथ चलते हैं" पवित्र आत्मा
की आवाज़ सुनते हैं ताकि कलीसिया सही दिशा में अपना कदम उठा सके।
फादर लोमबारदी
ने उक्त बात उस समय कही जब उन्होंने वाटिकन टेलेविज़न के साप्ताहिक कार्यक्रम ‘ऑक्तावा
दियेस’ में धर्माध्यक्षों की महासभा या सिनॉद पर अपने विचार रखे।
उन्होंने कहा
कि जो भी सदस्य सिनॉद में हिस्सा लेते हैं वे सिर्फ़ अपनी बात बताने यहाँ नहीं आते हैं
पर वे एक-साथ ईशवाणी को सुनते हैं और उनकी भी बातें सुनते हैं जिन्हें दूसरे बोलते हैं
ताकि विश्व के लोगों के बीच विभिन्नताओं के बावजूद एक सौहार्दपूर्ण रिश्ता कायम हो सके।
विभिन्न भाषाओं, परिस्थितियों और संस्कृति के होने के बाद भी वे एक ऐसी भाषा
का प्रयोग करते हैं जो सार्वभौमिकता अर्थात् ‘कैथोलिसिटी’ पर बल देता है।
जेस्विट
फादर ने कहा कि दूसरों की बातों को ध्यान से सुनने से व्यक्ति पवित्र आत्मा के स्कूल
का विद्यार्थी बन जाता है। ऐसा इसलिये कहा जाता है क्योंकि द्वितीय वाटिकन महासभा में
ऐसा ही हुआ था। उनका कहना है कि इसकी पूरी संभावना है कि इस सिनॉद में भी ऐसा ही हो तब
ही यह संत पापा के साथ धर्माध्यक्षों के सहशासन या ‘कोलेजियालिटी’ की भावना को प्रदर्शित
कर पायेगा।
फादर लोमबारदी ने कहा कि धर्माध्यक्षों की महासभा की विषयवस्तु है
‘नया सुसमाचार प्रचार’ जो की बिल्कुल महत्वपूर्ण है जैसा कि संत पौलुस ने कहा था "धिक्कार
मुझे यदि मैं सुसमाचार का प्रचार न करुँ"।
उन्होंने कहा कि आने वाले तीन सप्ताह
महासभा में भाग लेनेवालों और हम सबों के लिये अति महत्वपूर्ण आध्यात्मिक समय है क्योंकि
यह दुनिया में येसु के मुक्ति संदेश को सुनाने के मार्ग में आज और आनेवालें दिनों
में बहुत सहायक सिद्ध होगा।
फादर लोमबारदी ने कहा कि आज हम धर्माध्यक्षों के
साथ मिल कर प्रार्थना करें ताकि वे एक-दूसरे को और पवित्र आत्मा को ध्यान से सुनें ताकि
एक शांतिपूर्ण विश्व का निर्माण हो सके।