वाटिकन सिटी 5 अक्तूबर 2012 (सीएनएस) संत पापा बेनेडिक्ट सोलहवें की अध्यक्षता में रविवार
7 अक्टूबर को संत पेत्रुस बासिलिका के प्रांगण में आयोजित समारोही ख्रीस्तयाग से विश्व
के धर्माध्यक्षों की धर्मसभा (सिनड) आरम्भ होगी। इसमें विश्व भर के 250 से अधिक धर्माध्यक्ष
भाग लेंगे। ख्रीस्तीय विश्वास के प्रसार से जुड़े नवीन सुसमाचार प्रचार विषय पर लगभग
तीन सप्ताह तक चलनेवाले विचार विमर्शों के बाद संत पापा बेनेडिक्ट सोलहवें अपने चिंतनों
के साथ धर्मसभा के बाद प्रेरितिक उदबोधन दस्तावेज जारी करेंगे। वाशिंगटन के कार्डिनल
डोनाल्ड वुरल के अनुसार जो सिनड के रिलेटर हैं उन्होंने विश्व के विभिन्न भागों के धर्माध्यक्षीय
सम्मेलनों द्वारा भेजे गये सुझावों की समीक्षा की है तथा इसका सारांश 8 अक्तूबर के प्रथम
सत्र में प्रस्तुत करेंगे। उन्होंने कहा कि धन्य संत पापा जोन तेईसवें ने 50 वर्ष पूर्व
द्वितीय वाटिकन महासभा बुलाई थी जिसका लक्ष्य था कि काथलिक कलीसिया की शिक्षा की निष्ठापूर्ण
प्रस्तुति जो बहुत तेजी से परिवर्तनशील संस्कृति के लिए आकर्षक हो। कार्डिनल वुरल
ने कहा कि यह कोई संयोग नहीं है कि द्वितीय वाटिकन महासभा के शुरू होने की 50 वीं वर्षगाँठ
पर धर्माध्यक्षों की धर्मसभा हो रही है जिसमें 11 अक्तूबर को संत पापा विश्वास वर्ष का
आरम्भ करेंगे। उन्होंने कहा कि धर्मसभा कलीसिया की प्राचीन परम्परा की निरंतरता पर बल
देगी। काथलिक विश्वास की निरंतरता है जो धर्मसार तथा प्रेरितों के समय तक जाती है। यही
निरंतरता है जहाँ हम अपने विश्वास को उच्चरित करते हैं।