मुम्बई, 29 सितंबर, 2012 (कैथन्यूज़) मुम्बई के ईसाइयों ने बॉलीवुड फिल्म के विरुद्ध
अपने अपने विरोध अभियान उस समय स्थगित कर दिया जब फ़िल्म बोर्ड ने आपत्तिजनक दृश्यों
को हटाने का आश्वासन दिया। कैथोलिक सेकुलर फॉरम के अध्यक्ष फादर जोसेफ डायस ने कहा कि
उन्होंने अपना विरोध तबतक के लिये स्थगित कर दिया है जबतक कि फिल्म बोर्ड 1 अक्तूबर को
इस फ़िल्म को न देख ले और इस पर अपनी प्रतिक्रया न दे। फादर जोसेफ ने कहा कि विरोधकर्ताओं
ने फ़िल्म के निर्माता से इस संबंध में माफी माँगने की माँग कि है। और अगर ऐसा नहीं किया
गया तो इस संबंध में थाने में मुकदमा दायर किया जायेगा। उधर ‘सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म
सर्टीफिकेशन’ की निदेशिका लीला सैम्सन ने विरोध प्रदर्शन करने वालों से कहा है कि कैथोलिक
फिल्म समीक्षकों को फिल्म दिखलाया जा चुका है और उस पर उचित कारवाई भी की जा चुकी है।
ईसाइयों का एक प्रतिनिधिमंडल ने फिल्म निर्माता, संघ इंडियन मोशन पिक्चर् प्रोड्यूसर्स
एसोसिएशन, फिल्म मेकर्स कोमबाइन एंड वेस्टर्न इंडिया और फिल्म प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन
से मुलाक़ात की और अपने विचार रखे। फादर डायस ने बतलाया कि विभिन्न संगठनों ने आश्वासन
दिया है कि फिल्म इंडस्टरी वैसे फिल्मों के निर्माताओं के प्रति कठोर कदम उठाएगी जो धार्मिक
भावनाओं को ठेस पहुँचाते हैं। विदित हो कि हिन्दी फिल्म ‘कमाल, धमाल, मालामाल’ में
ख्रीस्तीय भावनाओं को ठेस पहुँचाने वाले कई दृश्य हैं।