कार्डिनल ओलेट का कहना यूरोप में चर्च के सामने आशा का संकट
संत गालेन स्विटजरलैंड 28 सितम्बर 2012 (एसआईआर) धर्माध्यक्षों के धर्मसंघ के अध्यक्ष
कार्डिनल मार्क ओलेट ने स्विटजरलैंड के संत गालेन में यूरोपीय धर्माध्यक्षीय सम्मेलनों
की कौंसिल की पूर्णकालिक सभा के पहले दिन ख्रीस्तयाग के समय प्रवचन करते हुए कहा कि कहा
कि यूरोप भी दिखावे के खतरे और नवीनता तथा असीम प्रगति की अपील का गुलाम बनने से दूर
नहीं है। वृद्ध महाद्वीप के लोग दिल की किशोरावस्था में जी रहे हैं जो उन्हें दूरदर्शितापूर्ण
निर्णय लेने से रोक रही है। धर्माध्यक्षों की सभा सेंट गालेन में आयोजित की जा रही
है। उन्होंने हाल की कठिनाई से भरी परिस्थिति के संदर्भ में कहा कि ये केवल आर्थिक संकट
नहीं हैं। यूरोप के सामने आशा का भी संकट है और बिना आध्यात्मिक मोटिवेशन के पूर्ण विकास
नहीं हो सकता है। इस संदर्भ में कलीसिया घोषित करती है कि एकमात्र आशा, स्वयं येसु ख्रीस्त
हैं। इसके साथ ही कलीसिया को स्वयं से भी यह पूछना है कि वह किस प्रकार ख्रीस्त की उदघोषणा
कर रही है, इस जागरूकता में कि यूरोप की सबसे कीमती चीज येसु ख्रीस्त में इसका विश्वास
है इस तथ्य की कौन सी छवि का वह प्रसार कर रही है। जागरूकता का प्रसार करने के लिए
कार्डिनल ओलेट ने कहा कि हमें सत्य की खोज के लिए लोगों को मदद करने की जरूरत है, हम
जिज्ञासा की भावना से परे जायें जिसका अर्थ है कि लोगों को प्रोत्साहित करें कि अपने
दिल की किशोरावस्था को पीछे छोड़ें।