रोम 27 सितम्बर 2012 (वीआर वर्ल्ड) संत पापा बेनेडिक्ट सोलहवें की हाल में सम्पन्न लेबनान
की प्रेरितिक यात्रा पर चिंतन प्रस्तुत करते हुए अंतर धार्मिक वार्ता संबंधी परमधर्मपीठीय
समिति के अध्यक्ष कार्डिनल ज्यां लुई तोरांन ने कहा कि इस्लामिक चरमपंथ न केवल ईसाईयों
का लेकिन स्वयं मुसलमानों का दुश्मन है। उन्होंने वाटिकन रेडियो से कहा कि 14 से 16 सितम्बर
तक सम्पन्न संत पापा की लेबनान यात्रा के समय लेबनान के युवाओं ने सहर्ष संत पापा का
स्वागत किया और जयनारे लगाये। उन्होंने दिखाया कि ईसाईयों और मुसलमानों का एक साथ शांतिमय
सह्स्तित्व अकल्पनीय नहीं है। लोग एक दूसरे के साथ थे और संत पापा के साथ समारोह मनाये
और ऊँचे स्वर से कहा कि हम आपसे प्रेम करते हैं। कार्डिनल महोदय ने कहा कि संत पापा
ने उस काल की स्मृति को पुनः जगाया जब अनेक स्थानों में ईसाई और मुसलमान साथ-साथ रहते
थे। चरमपंथवाद, ईसाईयों और मुसलमानों दोनों का शत्रु है। यह निर्माण करने के बदले में
विनाश करता है। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि इस्लामिक चरमपंथवाद प्रत्येक जन के लिए
खतरा है। कार्डिनल तोरानं ने कहा कि संत पापा ने शांति के पथ की ओर इंगित किया है।
यह अब वहां के लोगों के हाथ में है जिन पर मध्यपूर्व के लोगों की नियति को दिशा देने
के लिए निर्णय लेना है कि लोगों की पीड़ा को समाप्त करें जो इस प्रताडित क्षेत्र में
हैं या फिर हिंसा के लिए स्थान देना जारी रखेंगे।