2012-09-22 12:42:45

आदिवासियों की मर्यादा और प्रगति के लिये पूरी निष्ठा से कार्य करे।"


बोगोटा, कोलोम्बिया, 22 सितंबर, 2012 (ज़ेनित) संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने कोलोम्बिया को बोगोटा में आदिवासियों पुरोहितों धर्मसमाजियों और धर्म शिक्षकों की सभा के लिये अपने संदेश में कहा, कलीसिया आदिवासियों की मर्यादा और प्रगति के लिये पूरी निष्ठा से कार्य करे।"

विदित हो कि कोलोम्बिया की राजधानी बोगोटा में आदिवासी के बीच सुसमाचार प्रचार करने के लिये देश के आदिवासी पुरोहितों और धर्मसमाजियों की एक राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया था जो वृहस्पतिवार 20 सितंबर को समाप्त हुआ।

संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने इस अवसर पर बोगोटा के महाधर्माध्यक्ष हेसुस रूबेन सालाज़ार गोमज़ को एक संदेश भेजा था जिसमें उन्हें संत पीयुस दसवें के दस्तावेज़ "लाक्रीमाबीली स्तातु " और एक अन्य दस्तावेज़ "इनमेन्सा पास्तोरुम" का उद्धरण करते हुए कहा कि "समय पूरा हो चुका है मेषपालों और विश्वासियों को चाहिये कि वे आदिवासियों के हितों और मर्यादा की रक्षा के लिये कार्य करें ताकि वे येसु का अनुभव कर सकें जो सत्य मार्ग और जीवन हैं।

ऐसा करने से आदिवासी भी अपनी प्राचीन परंपरा के अनुसार अपनी ज़िम्मेदारी को बखूबी निबाह सकें।

संत पापा ने कहा कि आदिवासियों के जीवन की पवित्रता की रक्षा की जानी चाहिये और आदिवासी भी अपने पड़ोसियों को अपने भाई-बहन के समान प्रेम करें।

संत पापा ने प्रार्थना की कि ईश्वर आदिवासियो को सभी बुराइयों से बचाये और वे किसी भी घातक विचारधारा के चंगुल में न फँसें।

ज्ञात हो कि सभा का आयोजन कोलम्बियन धर्माध्यक्षीय समिति के विश्वास और सुसमाचार प्रचार विभाग द्वारा किया गया था।

संयोग से संत पापा पीयुस दसवें का दस्तावेज़ ‘लाक्रीमाबिली स्तातु’का यह सौवां साल है। सम्मेलन में जिन मुद्दों पर चर्चा की गयी वे थे सुसमाचार प्रचार की चुनौतियाँ, आदिवासी विश्वासियों की मेषपालीय देखरेख और संत पापा पीयुस दसवें के दस्तावेज़ का प्रभावपूर्ण क्रियान्वयन आदि।












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