अन्तरधार्मिक वार्ता के लिये पाकिस्तानी विशेषज्ञा रोमाना बाशिर सलाहकार नियुक्त
वाटिकन सिटी, 22 सितंबर, 2012 (वीआर, अंग्रेज़ी) संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने शुक्रवार
21 सितंबर को वाटिकन मुस्लिम संबंध को मजबूत करने के लिये एक महिला रोमाना बाशिर सहित
छः नये सलाहकारों की नियुक्ति की है। रोमाना बाशिर इस्लमाबाद-रावलपिंडी धर्मप्रांत
के क्रिश्चियन स्टडी सेन्टर ऑफ पोन्तिफिकल फॉर रेलिजियस रिलेशन्स विथ मुस्लिमस की अध्यक्षा
है। विदित हो यह स्टडी सेंटर वाटिक के अंतरधार्मिक वार्ता के लिये बनी समिति का ही
एक विभाग है। रोमाना बाशिर के साथ तीन अन्य पुरोहितों और दो लोकधर्मियों को भी वाटिकन-इस्लाम
वार्ता के लिये मनोनीत किया गया है। पुरोहितों में नाइजीरिया के अन्तरधार्मिक वार्ता
के लिये बनी सचिवालय के निदेशक फादर कोरनेलियुस अफ़ेबु ओमोनोखुवा, इराकी धर्माध्यक्षीय
समित् के अन्तरधार्मिक वार्ता के लिये बने आयोग के सचिव फादर अमिर जाजे और परमधर्मपीठीय
ग्रेगोरियन युनिवर्सिटी के ईशशास्त्र के प्रोफेसर जेस्विट फादर फेलिक्स कोर्नर को मनोनीत
किया गया है। वाटिकन के मुसलमानो के साथ संबंध को सुदृढ़ करने के लिये जिन दो लोकधर्मियों
की नियुक्ति की गयी है उनमें जर्मनी के बामबर्ग युनिवर्सिटी के प्रोफेसर मिस रोत्राउद
वेलन्दत और इंगलैंड के एक्सेटर में अराबिक और इस्लामिक स्टडीस के प्रोफ़ेसर और सह-निदेशक
इयान नेत्तोन शामिल हैं। प्रोफेसर नेत्तोन युनाइटेड अरब एमीरेत में भी अध्यापन का कार्य
करते हैं।
मालूम हो कि अन्तरधार्मिक वार्ता के लिये बनी परमधर्मपीठीय समिति
वाटिकन द्वितीय महासभा के आधारपर अन्तरधार्मिक वार्ता तथा इसके विस्तार के लिये बना काथलिक
कलीसिया का केद्रीय कार्यालय है। इस कार्यालय का लक्ष्य है अन्तरधार्मिक वार्ता को
बढ़ावा देना ताकि विभिन्न धर्मों के बीच आपसी समझदारी, सम्मान, और सहयोग की भावना बढ़े।
यह भी ज्ञात हो कि यदूदियों के साथ वार्ता का दायित्व ख्रीस्तीय एकता के लिये बनी
परमधर्मपीठीय समिति को दिया गया है। अन्तरधार्मिक वार्ता के लिये बनी परमधर्मपीठीय
समिति की परिकल्पना संत पापा पौल षष्टम् द्वारा 19 मई सन् 1964 में की गयी थी। तब इस
सेक्रेटेरियेट ऑफ नॉन क्रिश्चियन रूप में जाना जाता था। बाद में धन्य जोन पौल द्वितीय
ने 28 जून सन् 1988 को इसका नाम बदल कर अन्तरधार्मिक वार्ता के लिये बनी परमधर्मपीठीय
समिति कर दिया।