म्यांमार 20 सितम्बर 2012 (ऊकान) म्यांमार में 89 राजनैतिक बंदियों को रिहा कर दिया गया
है। म्यांमार के राष्ट्रपति थिन सियेन इस माह अमरीका की यात्रा कर संयुक्त राष्ट्र संघ
की सामान्य आमसभा को सम्बोधित करनेवाले हैं ताकि उनके देश में सुधार लानेवाली सरकार को
म्यांमार पर लगे अमरीकी प्रतिबंधों से कुछ राहत मिल सके। म्यांमार में लोकतंत्र की
स्थापना को गति प्रदान करने के लिए विश्व समुदाय और विशेष रूप से अमरीका की ओर से काफी
प्रयास किया जाता रहा है। अमरीका के विदेश विभाग की प्रवक्ता विक्टोरिया नुलान्द ने प्रेस
सम्मेलन के दौरान बताने से इंकार किया कि अमरीका द्वारा म्यांमार पर लगाये गये प्रतिबंधों
में आगामी सप्ताहों में कुछ राहत दी जाएगी या नहीं। उन्होंने कहा कि हम म्यांमार के साथ
काम करना जारी रखेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि किनके साथ बात कर रहे हैं। राजनैतिक बंदियों
की रिहाई म्यांमार पर लगे अमरीकी प्रतिबंधों को हटाने की पूर्वशर्ते हैं। म्यांमार
में राजनैतिक बंदियो की संख्या के बारे अस्पष्टता है लेकिन एक अनुमान के अनुसार लगभग
160 से लेकर 600 या उससे अधिक भी हो सकती है। अमरीका तथा अन्य कुछ देशों की सरकारें अप्रत्यक्ष
रूप से नेशनल लीग फोर डेमोक्रेसी की नेता सु की के साथ काम करती रही हैं ताकि म्यांमार
की सरकार पारदर्शी प्रक्रिया अपनाये और शेष राजनैतिक कैदियों को रिहा करे। विगत मार्च
माह में राष्ट्रपति का पद ग्रहण करने के बाद थिन सिन ने अनेक लोगों की रिहाई के आदेश
दिये हैं। ह्यूमन राइटस वाच के उपनिदेशक फिल रोबर्टसन के द्वारा दिये गये वक्तव्य
में कहा गया कि समस्या है कि म्यांमार की सरकार की ओर से पारदर्शिता में कमी है कि कौन
राजनैतिक बंदी हैं और कहाँ हैं तथा कितने शेष हैं। 88 जेनेरेशन स्टूडेंट ग्रुप के
सदस्य तुन मियेन्त औंग ने काचिन प्रांत में युद्ध विराम के बावजूद संघर्ष होते रहने और
लोगों की अंधाधुंध गिरफ्तारी पर कहा कि यदि सरकार लोकतांत्रिक समाज बनाने की इच्छुक है
तो जातीय और राजनैतिक संघर्ष नहीं होना चाहिए।