2012-09-19 12:14:35

मुम्बईः इस्लाम–विरोधी फिल्म की निन्दा अनिवार्य किन्तु हिंसा को भी क्षमा नहीं किया जा सकता, कार्डिनल ग्रेसियस


मुम्बई, 19 सितम्बर सन् 2012 (एशियान्यूज़): मुम्बई के काथलिक धर्माधिपति तथा भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष, कार्डिनल ऑस्वल्ड ग्रेशियस ने अमरीका की इस्लाम विरोधी फिल्म की निन्दा की है किन्तु कहा है कि हिंसा का भी कोई औचित्य नहीं है।
अमरीका में बनी इस्लाम विरोधी फिल्म "इनोसेन्स ऑफ मुस्लिम्स" पर विश्व के विभिन्न देशों में भड़की हिंसा पर टीका करते हुए एशियान्यूज़ से कार्डिनल ग्रेशियस ने कहा, "हज़रत मुहम्मद पर बनाई गई निन्दनीय फिल्म अनुचित है जिसका खण्डण अनिवार्य है किन्तु इसके बाद भड़की हिंसा का भी कोई औचित्य नहीं है।"
उन्होंने कहा, "विरोध प्रकट करने के लिये हिंसा का रास्ता ग़लत है इसके बजाय वार्ताओं एवं शांति का मार्ग अपनाया जाना चाहिये।"
विवादास्पद फिल्म के विषय में कार्डिनल ग्रेशियस ने कहा, "यद्यपि, मीडिया को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है जिसका हमें सम्मान करना चाहिये तथापि, किसी का मज़ाक उड़ाने के लिये मीडिया का दुरुपयोग करना या उन तत्वों का अपमान करना जो अन्यों के लिये पवित्र हैं सरासर ग़लत है।"
स्वतंत्रता का उपयोग ज़िम्मेदारीपूर्वक करने हेतु मीडिया का आह्वान कर कार्डिनल महोदय ने कहा कि मीडिया को इस बात पर ध्यान देना होगा कि वे लोगों की भावनाओं और विशेष रूप से धार्मिक भावनाओं को ठेस नहीं पहुँचायें। उन्होंने कहा, "कुछ सीमाएँ होती हैं जिन्हें किसी भी हालत में लाँघा नहीं जा सकता।"
इसके साथ ही, कार्डिनल ग्रेशियस ने, धर्म के नाम पर हिंसा की कड़ी निन्दा की। उन्होंने कहा, "अतीत में हमने देखा है कि धार्मिक चरमपंथ कितना विनाशक होता है। हिंसा समाज के विरुद्ध है, वह हानिकारक है तथा विनाशक है।"
कार्डिनल ग्रेशियस ने शांति, सदभाव एवं समझदारी उत्पन्न करने हेतु धार्मिक नेताओं की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया।








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