लेबनान के युवाओं के लिए संत पापा के सम्बोधन के अंश
बेरूत लेबनान 16 सितम्बर 2012 (सेदोक) संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने लेबनान के लगभग 30
हजार युवाओं को 15 सितम्बर को सम्बोधित करते हुए कहा कि आपलोगों को हमारे ईश्वर और प्रभु
ईसा के ज्ञान द्वारा प्रचुर मात्रा में अनुग्रह और शांति प्राप्त हो। संत पेत्रुस के
दूसरे पत्र से इन शब्दों को हमने अभी सुना है जो उनकी इच्छा को व्यक्त करता है जिसे वे
लम्बे समय से महसूस करते रहे हैं। युवाओं के सहर्ष स्वागत और इस संध्या बडी संख्या में
उनकी उपस्थिति के लिए वे धन्यवाद देते हैं।
संत पापा ने कहा कि प्रिय मित्रो
आज दुनिया के इस भाग में आप जीवन जी रहे हैं जिसने येसु के जन्म और ईसाईयत के विकास को
देखा। यह महान गौरव है। इसके साथ ही यह आह्वान है निष्ठा के लिए, इस क्षेत्र को प्यार
करने और सबसे ऊपर ख्रीस्त के आनन्द के संदेशवाहक बनने और साक्षी बनने का। प्रेरितों
के द्वारा दिया गया विश्वास जो पूर्ण स्वतंत्रता और खुशी की ओर ले चलता है जैसा कि इस
देश के अनेक संतों और धन्य आत्माओं ने दिखाया है। उनका संदेश सम्पूर्ण कलीसिया को आलोकित
करता है। यह आपके जीवन को भी प्रकाशमान कर सकता है। अनेक शिष्यों और संतों ने सतावट के
काल में जीवन जीया और उनका विश्वास उनके साहस और साक्ष्य का स्रोत था। उनके उदाहरण और
मध्यस्थता में आप प्रेरणा और समर्थन पायें जिसकी आपको जरूरत है।
संत पापा ने
युवाओं से कहा कि वे उन कठिनाईयों के प्रति जागरूक हैं जिसे आप अस्थायित्व और सुरक्षा
की कमी के कारण दैनिक स्तर पर सामना करते हैं, रोजगार पाने की कठिनाई अकेलापन और समाज
के हाशिये पर होना। परिवर्तनशील दुनिया में अनेक चुनौतियों का सामना करते हैं। बेरोजगारी
और अनिश्चिचतता के बावजूद पलायन करने के कड़वे मधुर स्वाद को अनुभव करने के लिए उत्सुक
नहीं हों जो एक व्यक्ति को उसके मूल से उखाड़कर अनिश्चित भविष्य की खोज में ले जाता है।
आप इस देश के भविष्य के निर्माता हैं। यहाँ के समाज और कलीसिया में अपना स्थान लें। आपके
लिए मेरे और सम्पूर्ण कलीसिया के दिल में विशेष स्थान है क्योंकि कलीसिया हमेशा युवा
है। कलीसिया आप पर भरोसा करती है। कलीसिया में सदा युवा रहें और कलीसिया के साथ युवा
बने रहें। कलीसिया को आपके उत्साह और रचनात्मकता की जरूरत है। युवाकाल में आप भविष्य
के काम के लिए अध्ययन करते और प्रशिक्षित होते हैं। यह सब महत्वपूर्ण है और इसमें समय
लगता है।
सौंदर्य़ की खोज करें और भलाई के लिए प्रयत्नशील रहें। दिल से शुद्ध
और विचारवान हों। संत पापा जोन पौल द्वितीय के शब्दों में मैं आपसे कहता हूँ –डरो मत,
आपके मन और दिल के दरवाजों को ख्रीस्त के लिए खोलें। येसु के साथ साक्षात्कार जीवन को
नया क्षितिज और निर्णायक दिशा देता है। अपने जीवन पथ में आगे बढ़ने के लिए तथा कठिनाईयों
और पीड़ा पर विजय पानेके लिए आप ख्रीस्त में शक्ति और साहस तथा आनन्द का स्रोत पायेंगे।
ईशवचन पर मनन करें। प्रार्थना और संस्कारों को ग्रहण करना ख्रीस्तीय बने रहने तथा ख्रीस्त
में बने रहने के प्रभावी साधन हैं।
संत पापा ने कहा कि अच्छे शिक्षकों आध्यात्मिक
निर्देशकों की खोज करें जो आपको भ्रामक और छलनेवाली चीजों को पीछे छोड़ते हुए प्रौढ़ता
के पथ में आगे बढ़ने के लिए मार्गदर्शन करने में समर्थ होंगे। ख्रीस्त के द्वारा लायी
गयी विरासत और प्रेम की क्रांति को सब तक पहुँचायें। एक दूसरे को प्यार करो जैसा मैंने
प्यार किया है। क्षमादान और मेलमिलाप शांति के पथ हैं वे भविष्य के लिए मार्ग खोलते हैं।
संत पापा ने कहा कि उन्होंने प्रेरितिक उदबोधन पर हस्ताक्षर किया। सम्पूर्ण ईशप्रजा
के साथ ही यह युवाओं को भी संबोधित है। इसे वे ध्यानपूर्वक पढें, इसपर मनन करें और दैनिक
जीवन में लागू करें। लेबनान के युवाओ, आप देश की आशा और भविष्य हैं। आप लेबनान हैं, स्वागत
और खुलापन की भूमि हैं जिसमे अनुकूलन करने की उल्लेखनीय क्षमता है।
संत पापा
ने कहा कि इस संध्या यहाँ उपस्थित मुसलमानों का भी वे अभिवादन करते हैं। उनकी उपस्थिति
के लिए धन्यवाद देते हैं जो बहुत महत्वपूर्ण है। युवा ईसाईयों के साथ मिलकर आप इस सुंदर
देश का भविष्य हैं। एकसाथ मिलकर इसका निर्माण करें और जब उम्र में बढेगे तो ईसाईयों के
साथ एकता और सौहार्द में जीवन जीना जारी रखें। यह बहुत महत्वपूर्ण है कि मध्य पूर्व में
बिना नफरत के मुसलमान और ईसाई, इस्लाम और ईसाई धर्म एक साथ रहें,हर व्यक्ति की धार्मिक
आस्था का सम्मान करें ताकि मिलकर स्वतंत्र और मानवीय समाज की रचना कर सकें।
संत
पापा ने कहा कि लेबनान की रानी, कुँवारी माता मरिया और धन्य जोन पौल द्वितीय को उन सबलोगों
को हम अर्पित करें जो हिंसा तथा अकेलेपन से पीडित हैं ताकि उन्हें शक्ति और सांत्वना
मिले। ईश्वर आपको आशीष दें।