आनन्दः भारत में श्वेत क्रान्ति के पितामह कुरियन को राष्ट्रपति, प्रधान मंत्री ने दी
श्रद्धान्जलि
आनन्द, 10 सितम्बर सन् 2012 (पीटीआई): राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रधान मंत्री मनमोहन
सिंह तथा गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित अनेकानेक गणमान्य अधिकारियों ने रविवार
को, भारत में श्वेत क्रान्ति के जनक डॉ. वर्गीज़ कुरियन के निधन पर शोक जताकर उनके प्रति
भावभीनी श्रद्धान्जलि अर्पित की। रविवार प्रातः गुजरात में, अरबों रुपये वाले ब्रांड
अमूल को जन्म देने वाले, डॉ. वर्गीज़ कुरियन का निधन हो गया था। वे 90 वर्ष के थे। सन्
1973 में, गुजरात के आनन्द नगर में, डॉ.कुरियन ने "गुजरात कुओपरेटिव मिल्क मार्केटिंग
फेडरेशन" जीसीएमएमएफ की स्थापना की थी। सन् 2006 तक वे इसके चेयरमैन रहे थे। जीसीएमएमएफ़
ही वो संस्था है जो "अमूल" के नाम से डेयरी उत्पाद बनाती है। 11 हज़ार से अधिक गाँवों
के 20 लाख से अधिक किसान इस संस्था के सदस्य हैं। सहकारिता के क्षेत्र में इस संस्था
ने दूध और अन्य उत्पादों के लिए एक इतिहास रचा है। भारत को विश्व का सर्वाधिक
दुग्ध उत्पादक देश बनाने हेतु वर्गीज कुरियन को भारत में श्वेत क्रांति का जनक माना जाता
है। देश में सहकारी दुग्ध उद्योग के मॉडल की आधारशिला रखने तथा भैंस के दूध से पहली बार
पाउडर बनाने का श्रेय भी कुरियन को ही जाता है। उनके प्रयासों से ही दुनिया में पहली
बार गाय के दूध से पाउडर बनाया गया। राष्ट्रपति मुखर्जी ने शोक सन्देश में कहा कि
कुरियन ने श्वेत क्रान्ति की शुरुआत की तथा कृषि एवं ग्रामीण विकास में जबर्दस्त योगदान
दिया। उन्होंने कहा कि दुनिया के सर्वाधिक विशाल डेरी विकास कार्यक्रम ऑपरेशन फूड की
शुरुआत करने के अलावा डॉ. कुरियन ने अमूल को घर-घर में लोकप्रिय ब्रांड बनाया जिसके लिये
देश उनका आभारी है। केरल के कोझिकोड में 26 नवंबर, 1921 को जन्मे डॉ. कुरियन को भारत
सरकार ने पद्म श्री, पद्म भूषण एवं पद्म विभूषण पुरस्कारों से सम्मानित किया है। सामुदायिक
नेतत्व के लिए डॉ. कुरियन को रामोन मैगसेसे पुरस्कार, कार्नेगी़-वाटलर विश्व शांति पुरस्कार
तथा अमरीका के "इंटरनेशनल परसन ऑफ द ईयर" पुरस्कारों से भी नवाज़ा गया है।