वाटिकन रेडियो 8 सितम्बर 2012 (सेदोक, वीआरवर्ल्ड) संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने
रोम में आयोजित 23 वें अंतरराष्ट्रीय मरियावाद कांग्रेस के प्रतिभागियों को शनिवार 8
सितम्बर को सम्बोधित किया। विगत दिनों में वे Mariology since the Second Vatican Council:
Reception, Assessment and Prospects”. विषय पर विचार विमर्श करते रहे हैं। कास्तेल
गोंदोल्फो स्थित ग्रीष्मकालीन प्रेरितिक प्रासाद में जमा हुए इस सम्मेलन के प्रतिभागियों
का हार्दिक स्वागत करते हुए सतं पापा ने उन्हें स्मरण कराया कि धन्य जोन तेईसवें ने घोषणा
की थी कि द्वितीय वाटिकन महासभा का शुभारम्भ 11 अक्तूबर को होगा, इसी तिथि को सन 431
में एफेसुस की महासभा ने मरिया को ईश्वर की माता घोषित किया था। संत पापा ने प्रतिभागियों
का ध्यान इस तथ्य की ओर भी आकर्षित किया कि इसी वर्ष 11 अक्तूबर को विश्वास का वर्ष आरम्भ
होगा जिसे उन्होंने असाधारण घटना कहते हुए कहा कि मरिया विश्वास की आदर्श उदाहरण हैं।
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सितम्बर को माता मरिया के जन्म का पर्व मनाया जाता है। संत पापा ने कहा कि यह दिवस मानवजाति
की मुक्ति की दिव्य योजना में असाधारण मोसाइक के कीमती तत्व के रूप में प्रस्तुत किया
गया है।
द्वितीय वाटिकन महासभा में युवा ईशशास्त्री के रूप में अपनी सहभागिता
पर पुनरावलोकन करते हुए संत पापा ने कहा कि मुक्ति इतिहास में धन्य कुँवारी माता मरिया
की भूमिका से जुडें मुद्दों पर किस प्रकार विभिन्न तरीकों से निपटा जा रहा था इसे देख
सकने में वे समर्थ थे।
संत पापा ने कहा कि अपने विश्वास को सघन बनाने के लिए
ईश्वर की माता पर अध्ययन करना जारी रखा जाये। हमें मरिया को प्रकाश पुँज तथा ख्रीस्तीय
प्रौढ़ता के मोडल के समान देखना चाहिए जिनसे हम उत्साह और आनन्द पा सकें एवं ख्रीस्त
के भाई-बहन तथा ईश्वर की संतान रूप में अपनी बुलाहट को और अधिक समर्पण और निरंतरता के
साथ जी सकें।