2012-09-05 15:45:50

बुधवारीय आमदर्शन समारोह के अवसर पर संत पापा की धर्मशिक्षा


वाटिकन सिटी रोम 5 सितम्बर 2012 (सेदोक) संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने बुधवारीय आमदर्शन समारोह के अवसर पर वाटिकन स्थित संत पापा पौल षष्टम सभागार में देश विदेश से आये हजारों तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को विभिन्न भाषाओं में सम्बोधित किया। उन्होंने अंग्रेजी भाषा में सम्बोधित करते हुए कहा- आज हम प्रार्थना विषय पर विचार करते हैं जैसा कि यह प्रकाशना ग्रंथ जिसे अपोकालिपस के नाम से भी जाना जाता है, के आरम्भ में पाया जाता है। कुछ मायने में यह कठिन पुस्तक है लेकिन इसमें अनेक समृद्धि निहित हैं। यहाँ तक कि ग्रंथ की आरम्भिक पंक्तियों में बड़ी बातें लिखी गयी हैं- ये हमें बताती हैं कि प्रार्थना का अर्थ सबसे ऊपर ईश्वर को सुनना है जो हमसे बात करता है। आज, अनेक निरर्थक शब्दों के मध्य अनेक लोगों ने सुनने की आदत यहां तक कि ईश्वर के शब्द को भी सुनने की आदत खो दी है।
प्रकाशना ग्रंथ की आरम्भिक पंक्तियाँ हमें सिखाती हैं कि प्रार्थना मात्र शब्द नहीं है, हमारी विभिन्न आवश्यकताओं के लिए ईश्वर से आग्रह करना मात्र नहीं लेकिन यह आरम्भ हो ईश्वर की प्रशंसा से, उनके प्रेम, येसु ख्रीस्त के रूप में मिले उपहार, जिन्होंने हमारे लिए शक्ति, आशा और मुक्ति लाया है। हमें येसु को अपने जीवन में स्वागत करना है ख्रीस्त के लिए हमारी हाँ की घोषणा करनी है तथा हमारे ख्रीस्तीय जीवन को पोषण प्रदान कर गहरा बनाना है। सतत प्रार्थना हमारे जीवन और इतिहास में ईश्वर की उपस्थिति के अर्थ को हमारे लिए प्रकट करेगी। दूसरों के साथ प्रार्थना, विशिष्ट रूप से पूजनधर्मविधि प्रार्थना, क्रूसित और पुनर्जीवित येसु के प्रति हमारी जागरूकता को गहन बनायेगी। इस प्रकार हम ख्रीस्त को जितना अधिक जानते, प्यार करते और अनुसरण करते हैं उतना ही हम उन्हें प्रार्थना में मिलना चाहते हैं क्योंकि वे ही हमारे जीवन की शांति, आशा और शक्ति हैं।
मैं आज यहाँ उपस्थित सब अंग्रेजी भाषा भाषी तीर्थयात्रियों और पर्यटकों का स्वागत करता हूँ विशेष रूप से जो इंगलैंड, इंडोनेशिया, जापान, फिलीपीन्स तथा संयुक्त राज्य अमरीका से आये हैं। मैं विशिष्ट रूप से मिशनरीज सिस्टर्स सर्वेंटस ओफ द होली स्पिरिट समूह के उपस्थित सदस्यों तथा फोकोलारे अभियान के युवक युवतियों का जो बुडापेस्ट में इस वर्ष के के जेनफेस्ट में भाग ले रहे हैं, उनका सहर्ष अभिवादन करता हूँ। प्रिय युवाओ, आपने साहसपूर्वक सेतुओं का निर्माण कर मानव परिवार के मध्य एकता का प्रसार करने के लिए ख्रीस्त की पुकार को अपने दिल में ग्रहण किया है। इसलिए मैं आप सबको उत्साहित करता हूँ कि अपने मसीही विश्वास में मजबूत रहें और सरल आनन्द, शुद्ध प्यार तथा गहन शांति जो कि ख्रीस्त के साथ साक्षात्कार करने से आती है वह आपको आपकी भूमि के युवाओं के सामने सुसमाचार का उल्लसित साक्षी बनाये। ईश्वर आप सबको बहुतायत में आशीष दें।

संत पापा ने तीर्थयात्रियों को अन्य भाषाओं में सम्बोधित करने के बाद बुधवारीय आमदर्शन समारोह के अंत में सबको अपना प्रेरितिक आशीर्वाद प्रदान किया।








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