वाटिकन सिटीः कार्डिनल तौराँ ने की ईश निन्दा की शिकार बच्ची की तरफ़दारी
वाटिकन सिटी, 27 अगस्त सन् 2012 (सेदोक): पाकिस्तान में ईश निन्दा कानून की शिकार बनी
11 वर्षीया बच्ची की तरफदारी करते हुए वाटिकन के वरिष्ठ कार्डिनल जाँ लूई तौराँ ने कहा
है कि बच्ची को पढ़ना लिखना नहीं आता है। वाटिकन रेडियो से बातचीत में, अन्तरधार्मिक
वार्ता सम्बन्धी परमधर्मपीठीय समिति के अध्यक्ष, कार्डिनल तौराँ ने कहा, "यह दावा करने
से पहले कि किसी पवित्र धर्मग्रन्थ का उपहास किया गया है, तथ्यों का पता लगा लेना उचित
होता है।" इस्लाम तालीम की पुस्तक के कुछ पन्नों को जलाने के आरोप में, 16 अगस्त को,
इस्लामाबाद में 11 वर्षीया रिमशा मसीह को गिरफ्तार कर लिया गया था। कार्डिनल तौराँ
ने कहा, "रिमशा मसीह पढ़-लिख नहीं सकती, वह जीने के लिये कचरा बटोरती है, उसने कचरे के
बीच पड़े कुछ पन्नों को उठा लिया था।" उन्होंने कहा कि स्थिति जितनी तवानग्रस्त एवं
गम्भीर है उतनी ही अधिक वार्ता और सम्वाद की आवश्यकता है। कार्डिनल महोदय ने कहा
कि उनका विश्वास है कि "तथ्यों के प्रकाश में यह असम्भव है कि बच्ची ने जानबूझकर इस्लाम
की पवित्र पुस्तक के प्रति अपमान का प्रदर्शन करने की कोशिश की थी।" बताया जाता है
कि 11 वर्षीया रिमशा मसीह मानसिक रूप से बीमार है तथा उसकी गिरफ्तारी ने सम्पूर्ण विश्व
के मानवाधिकार कार्यकर्ताओं में रोष पैदा कर दिया है। पाकिस्तान के ईश निन्दा कानून
के तहत हज़रत मुहम्मद या इस्लाम धर्म का अपमान करने की सज़ा प्राणदण्ड या उम्र क़ैद भी
हो सकती है। मानवाधिकार कार्यकर्त्ताओं का आरोप है कि व्यक्तिगत रंजिश के लिये ईश
निन्दा कानून का दुरुपयोग किया जाता रहा है। रिमशा के प्रकरण पर 31 अगस्त को अगली
सुनवाई होगी।