2012-08-22 13:45:10

संत पापा का की धर्मशिक्षा - 22 अगस्त, 2012


कास्तेल गंदोल्फो, इटली, 22 अगस्त, 2012 (सेदोक, वी.आर) बुधवारीय आमदर्शन समारोह के अवसर पर संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने रोम से 26 किलोमीटर दूर पूर्व कास्तेल गंदोल्फो में अवस्थित प्रेरितिक प्रासाद के प्राँगण में एकत्रित हज़ारों तीर्थयात्रियों को विभिन्न भाषाओं में सम्बोधित किया।उन्होंने ईताली भाषा में कहा,

मेरे अति प्रिय भाइयो एवं बहनों, आज हम धन्य कुँवारी मरियम के "महारानी" होने का त्योहार मनाते हैं। वैसे तो यह त्योहार प्राचीन है पर माता मरिया के महारानी होने के त्योहार को कलीसिया ने हाल के वर्षों में ही मान्यता दी है। वन्दनीय संत पापा पीयुस बारहवें ने सन् 1954 ईस्वी में माता मरिया वर्ष के अन्त में इस पर्व को मान्यता प्रदान की।

इस पर्व की घोषणा करते हुए संत पापा पीयुस बारहवें कहा कि मरिया की आत्मा को किसी भी अन्य प्राणी से ऊपर उठाये जाने और उनके दिव्य गुणों के लिये वे ‘महारानी’ हैं। उन्होंने पूरी मानवता पर अपने प्रेम और दया की वर्षा की है। अब पूजन पद्धति में सुधार लाये जाने के बाद मरिया के महारानी होने के त्योहार को उनके स्वर्गोदग्रहण के पर्व के एक सप्ताह बाद रख दिया गया है। ऐसा इसलिये किया गया है lताकि उन्हें स्वर्ग में रानी होने की महिमा और सशरीर स्वर्ग उठा लिये जाने की गरिमा अपने पुत्र येसु के समान ही प्राप्त हो.

कलीसिया के एक दस्तावेज़ ‘लूमेन जेनेसियुम’ में लिखा गया है कि "मरिया पूरी महिमा में सशरीर स्वर्ग में उठा ली गयी और अपने पुत्र येसु के द्वारा सम्मानित की गयी ताकि वह सबों की महारानी बने और अपने पुत्र के समान ही पूरी महिमा प्राप्त करे।

आज के महोत्सव का स्रोत यही है। कुँवारी मरिया महारानी है ठीक अपने पुत्र येसु की तरह क्योंकि उन्होंने अपने पुत्र येसु के मिशन में करीबी से साथ दिया।

एफ्रेम और सिरियन ने कहा था कि माता मरिया का महारानी बनने का संबंध उसकी दिव्य मातृत्व से है। वह येसु की माँ हैं जो राजाओं के राजा हैँ। येसु हमारे हमारे जीवन मुक्ति और आशा हैं।


ईशसेवक संत पापा पौल षष्टम् ने अपने प्रेरितिक पत्र ‘मरियालिस कुल्टुस’ कहा था "माता मरिया येसु मसीह से संबंधित हैं और उन्हीं पर सब कुछ निर्भर करता है। माता मरिया को पिता परमेश्वर अनादि काल से चुना और पवित्र आत्मा के जिन वरदानों से उन्हें विभुषित किया वैसा गौरव और किसी को प्राप्त नहीं हुआ।"

‘माता मरिया किस तरह की महारानी हैं’? इस सवाल के जवाब को पाने के लिये हमें चाहिये कि हम उनके पुत्र येसु मसीह की ओर देखें जो पूरी दुनिया और इतिहास के प्रभु हैं। येसु मसीह अपनी विनम्रता, सेवा और प्रेम के कारण राजा हैं। येसु मसीह अपने दुःखभोग के समय पिलातुस के सम्मुख राजा घोषित किये गये। बाद में क्रूस पर और उस समय जब उन्होंने दुःख की चरमसीमा पर लोगों के लिये अपना बलिदान कर दिया तब उन्हें राजा घोषित किया गया। उनकी महानता दुनियावी राजा बनने में नहीं थी। येसु, इसलिये राजा कहलाये क्योंकि उन्होंने सेवकों का सेवक बनना स्वीकार किया। अपने सेवक होने का साक्ष्य उन्होंने अंतिम ब्यारी में दी जब उन्होंने अपने चेलों के पैर धोये।

ठीक येसु की ही तरह, माता मरिया स्वर्ग की महारानी इसलिये है क्यों उन्होंने अपना जीवन ईश्वर और मानवता की सेवा में लगा दिया। कुँवारी मरिया ममता की महारानी हैं जिन्होंने ईश्वर की योजना के अनुसार ईश्वर की सेवा में अपने को समर्पित कर दिया और कहा, "देख मैं प्रभु की दासी हूँ।" फिर जब उन्होंने ईश्वर का गुणगान किया तब माता मरिया ने कहा, "ईश्वर ने अपनी दासी पर दया दृष्टि की है।"

आज हम माता मरिया की ओर सदा ही लौट कर आते हैं - चाहे वह शांति का समय हो या अंधकारमय पल। हम मरिया के पास लौटकर आते क्योंकि येसु मसीह से जो भी वरदान हम पाना चाहते हैं उसे हम कुँवारी माता मरिया की मध्यस्थता से आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।

माता मरिया वर्षों से स्वर्ग की महारानी रूप में हमारी मध्यस्थ बनी रही हैं। लोरेटो की प्रार्थना या ‘लिटनी’ में हम पाते हैं कि माता मरिया को आठ बार ‘महारानी’ रूप में पुकारा जाता है। उन्हें दूतों, पैट्रियार्कों, प्रेरितों, शहीदों, पापमोचकों, नारियों, सब सतों और परिवारों की महारानी कह कर पुकारा गया है।
इतना ही नहीं, परंपरा से ही ‘साल्भे रेजीना’ गीत द्वारा लोग माता मरिया की मध्यस्थता से प्राथना करते हैं ताकि वह लोगों को बुराइयों से बचाये।


प्रिय भाइयो एवं बहनों, माता मरिया की भक्ति हमारे आध्यात्मिक जीवन में एक अहम् भूमिका अदा करती है। जब हम माता मरिया की मध्यस्थता से येसु के पास कोई निवेदन करेंगे तो हमें कभी भी खाली हाथ वापस आना नहीं पड़ेगा।

आइये, हम माता मरिया के विश्वास का अनुसरण करें, ईश्वर की योजना के प्रति उसकी वफ़ादारी अनुकरण करें और जिस प्यार से उन्होंने येसु का लालन-पालन किया उससे हम प्रेरणा पायें । कुँवारी माता मरिया सबों को प्यार करती. और वह सबों की बातों को ध्यान से सुनती हैं।


इतना कहकर संत पापा ने अपना संदेश समाप्त किया
उन्होंने कोन्गो, नाईजीरिया, जापान, माल्टा और देश-विदेश से एकत्रित तीर्थयात्रियों, उपस्थित लोगों एवं उनके परिवार के सभी सदस्यों पर प्रभु की कृपा तथा शांति की कामना करते हुए कहा, "माता मरिया स्वर्ग की महारानी विश्वास के हमारे पथ में हमारी सहायता कर" और सबों को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।














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