बंगलौर, 18 अगस्त, 2012 (कैथन्यूज़) बंगलौर, चेन्नई, पुणे और मुंबई जैसे शहरों से भयभीत
उत्तर-पूर्व के लोगों के पलायन के मद्देनज़र केन्द्रीय सरकार ने एक साथ भेजे जा रहे
कई ‘एसएमएस’ और ‘एमएमएस’ पर अगले 15 दिनों के लिए पाबंदी लगा दी है. हालाँकि अधिकारियों
का कहना है कि उन्होंने लोगों को सुरक्षा का भरोसा दिलाया है, लोग अभी भी डरे हुए हैं।
समाचार एजेंसी पीटीआई ने केंद्रीय गृह सचिव आरके सिंह के हवाले से ये खबर दी है जिसके
मुताबिक सरकार को उम्मीद है कि इस पाबंदी से अफवाहों पर रोक लगेगी। एक अनुमान के मुताबिक
पिछले तीन से चार दिनों में करीब 15 हजार लोग जा चुके हैं. उधर मीडिया रिपोर्टों के
मुताबिक करीब 800 लोग मुंबई छो़ड़ चुके हैं. पुणे, चेन्नई जैसे शहरों से भी ऐसी ही खबरें
आ रही हैं। इनमें से कुछ लोगों ने कहा कि उनके पास टिकट भी नहीं हैं लेकिन वो रेलवे
स्टेशन पर खुद को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। उधर बंगलौर के पुलिस उपायुक्त विक्टर
डिसूजा ने कहा है "चूँकि बंगलौर एक आईटी शहर है, ज्यादातर लोगों को पता है कि कंप्यूटर
का इस्तेमाल कैसे किया जाए. हमारे लिए एसएमएस पर अफवाहों को रोकना मुश्किल हो गया है।" डिसूजा
के मुताबिक लोग अफवाहों के कारण बंगलौर से भाग रहे हैं और बंगलौर से पूर्वोत्तर जाने
वाली रात की दो गा़ड़ियाँ पूरी भरी हुई हैं। उधर चेन्नई के पुलिस आय़ुक्त जेके त्रिपाठी
ने बीबीसी से बातचीत में कहा कि डरने की कोई बात नहीं है और शहर में ऐसी कोई अप्रिय घटना
नहीं हुई है जिससे पूर्वोत्तर के लोगों को शहर छो़ड़ना पड़े। मुंबई स्थिति बीबीसी
संवाददाता जुबैर अहमद बताते हैं कि पुणे से पूर्वोत्तर के लोगों का वापस जाना जारी है। हाल
में असम में मुसलमानों के खिलाफ हुई हिंसा के विरोध में जब तो वहाँ हिंसा हुई थी जिसमें
दो लोग मारे गए थे और अनेक अन्य घायल हो गए थे। उधर पुणे पुलिस ने इन छात्रों से
अपील की है कि वो फेसबुक और दुसरे नेटवर्क पर फैली अफवाहों पर ध्यान न दें। पुलिस ने
छात्रों से कई बैठक की है और उन्हें आश्वासन दिया है कि उन्हें पूरी सुरक्षा दी जायेगी।