वाटिकन सिटीः खाद्य संकट से उभरने के लिये अन्तरराष्ट्रीय प्रयास ज़रूरी, महाधर्माध्यक्ष
थॉमासी
वाटिकन सिटी, 15 अगस्त सन् 2012 (सेदोक): वाटिकन के वरिष्ठ महाधर्माध्यक्ष सिलवानो थॉमासी
ने मंगलवार को वाटिकन रेडियो को दी एक भेंटवार्ता में कहा कि विश्व व्यापी खाद्य संकट
से उभरने के लिये अन्तराष्ट्रीय स्तर पर प्रयास किया जाना नितान्त आवश्यक हैं। विश्व
में छाये खाद्य संकट एवं खाद्य पदार्थों की नित्य बढ़ती क़ीमतों पर, अगस्त माह के अन्त
में आयोजित, जी 20 देशों के सम्मेलन की पृष्ठभूमि में, संयुक्त राष्ट्र संघ में परमधर्मपीठ
के स्थायी पर्यवेक्षक, महाधर्माध्यक्ष सिलवानो थॉमासी ने कहा कि सबसे पहले मानव जीवन
के प्रति सम्मान की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, "सबसे पहले हमें जीवन का सम्मान करने
तथा प्रत्येक व्यक्ति के लिये न्यूनतम आहार मुहैया कराने की ज़रूरत है ताकि जीना सम्भव
हो सके।" महाधर्माध्यक्ष महोदय ने कहा कि खाद्य मुद्दों पर आयोजित जी 20 देशों के
सम्मेलन में जीवन के कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों पर ध्यान दिया जाना अनिवार्य है जो कलीसिया
की सामाजिक शिक्षा और, विशेष रूप से, सन्त पापा की आवाज़ में निहित हैं जैसे अन्तिम सामाजिक
विश्व पत्र "कारितास इन वेरिताते" में। भोजन एवं पानी को मानव की मूलभूत ज़रूरत
बताते हुए उन्होंने कहा कि इससे सम्बन्धित मुद्दों पर विशेष ध्यान देना होगा। उन्होंने
कहा, "पानी और भोजन मानव का अधिकार है जिसका सम्मान किया जाना चाहिये इसलिये ऐसी नीतियों
का विकास आवश्यक है जो बायो ईंधन के लिये कृषि उत्पादों का अतिरिक्त उपयोग न करें। साथ
ही, उन नीतियों का विकास जो खाद्य पदार्थों के न्यायिक वितरण को सम्भव बनायें तथा लाभ
अर्जन के लिये मार्केट की अटकलबाज़ियों को रोकें।"