नई दिल्लीः स्वतंत्रता दिवस पर प्रधान मंत्री ने किया देश को सम्बोधित
नई दिल्ली, 15 अगस्त सन् 2012 (बी.बी.सी.): भारतीय स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में दिल्ली
के लाल किले से देशवासियों को सम्बोधित अपने प्रभाषण में प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह ने
भारतवासियों के बीच मैत्री, सम्वाद एवं एकता का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि विकास
के लिये विभिन्न राजनैतिक विषयों पर बातचीत कर समाधान पाये जाने की नितान्त आवश्यकता
है। उन्होंने कहा कि विभिन्न राजनैतिक गुटों के बीच सहमति उत्पन्न कर ही देश के आर्थिक
विकास को गति प्रदान की जा सकती है। महंगाई के मुद्दे पर उनका कहना था कि मानसून में
हुई गड़बड़ी की वजह से महंगाई पर काबू पाना मुश्किल साबित हो रहा है। हालांकि, इस
बात पर उन्होंने हर्ष व्यक्त किया कि "समस्याओं के बावजूद विगत वर्ष भारत का सकल घरेलु
उत्पाद 6.5 प्रतिशत रहा और उम्मीद है कि इस वर्ष भी हम बेहतर प्रदर्शन कर पाएंगें।"
आर्थिक विकास के लिये निवेश को प्रोत्साहन देना, सरकारी कोष का उचित प्रबन्धन करना
तथा राष्ट्रीय सुरक्षा पर ध्यान देना जैसे मुद्दों पर प्रधान मंत्री ने बल दिया। उन्होंने
कहा "अब वक्त आ गया है कि उन मुद्दों पर नज़र डाली जाए जो हमारे विकास में बाधा उत्पन्न
कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त, राष्ट्रीय सुरक्षा पर भी ध्यान दिया जाना अनिवार्य है।" हाल
में पुणे में हुए ब्लास्ट और असम में हुई सांप्रदायिक हिंसा का ज़िक्र करते हुए उन्होंने
कहा कि भारत को अपनी आंतरिक सुरक्षा में सुधार लाने के लिए अभी बहुत कुछ करना बाकी है।
उन्होंने कहा, "असम की हिंसा बेहद दुर्भाग्यपूर्ण थी। हम हर सम्भव प्रयास करेंगे ताकि
इस प्रकार की हिंसक घटनाएँ फिर कभी न दुहराई जायें।" स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर
प्रधान मंत्री ने लोकपाल विधेयक के मसौदे को राज्य सभा में पारित करवाने के लिए भी सभी
राजनीतिक पार्टियों का सहयोग मांगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि भ्रष्टाचार के मुद्दे पर
सरकारी विभागों में पारदर्शिता लाने और भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिये सरकार के प्रयास
जारी रहेंगे। सभी भारतीयों के प्रति स्वतंत्रता दिवस की मंगल कामनाएँ व्यक्त करते
हुए प्रधान मंत्री ने इस तथ्य पर बल दिया कि भारत के समक्ष प्रस्तुत समस्त समस्याओं का
समाधान लोगों के बीच एकता एवं सम्भाव से ढूँढ़ा जा सकता है।