2012-08-14 12:24:29

भोपालः कलीसियाई सम्पत्ति के संचालन मामले पर ख्रीस्तीय हुए विभाजित


भोपाल, 14 अगस्त सन् 2012 (ऊका): भोपाल में, कलीसिया की सम्पत्ति के प्रबन्धन के लिये एक वैधानिक समिति के गठन के प्रस्ताव ने ख्रीस्तीयों में विभाजन पैदा कर दिया है।
मध्यप्रदेश राज्य के अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य आनन्द बरनार्ड ने ऊका समाचार से कहा, "ख्रीस्तीयों की सम्पत्ति का दुरुपयोग हो रहा है।" उन्होंने कहा कि यह देखने के बाद कि कलीसिया की अचल सम्पत्ति अवैध रूप से बेची जा रही है, उन्होंने यह प्रस्ताव रखा है।
उन्होंने सचेत किया, "यदि दुरुपयोग पर काबू करने के लिये प्रभावशाली कदम नहीं उठाया गया तो वह दिन दूर नहीं जब राज्य के ख्रीस्तीय अपनी सारी सम्पत्ति से वंचित हो जायेंगे।" श्री बरनार्ड चाहते हैं कि सरकार मुसलमानों की सम्पत्ति का संचालन करनेवाली वक्फ बोर्ड की तरह ही एक समिति का गठन करे।
हालांकि, बर्नार्ड के प्रस्ताव से राज्य के ख्रीस्तीय धर्मानुयायी, विशेष रूप से, काथलिक सहमत नहीं हैं।
भोपाल के काथलिक महाधर्माध्यक्ष लियो कॉरनेलियो ने इस बात पर बल दिया कि काथलिक कलीसिया को उसकी सम्पत्ति के संचालन के लिये इस प्रकार की समिति की कोई आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा, "हमारी सम्पत्ति का प्रबन्ध व्यवस्थापूर्वक किया जा रहा है तथा कानून के अन्तर्गत सभी सम्पत्तियों के दस्तावेज़ी प्रमाण हमारे पास हैं।"
तथापि, उन्होंने कहा कि वे कलीसिया की सम्पत्ति की रक्षा हेतु श्री बरनार्ड की चिन्ता को समझते हैं किन्तु इसके लिये उन्हें ठोस प्रस्ताव प्रस्तुत करने होंगे। इनके बिना किसी भी बात पर चर्चा करना अथवा किसी निष्कर्ष पर पहुँचना सम्भव नहीं है।
ग़ौरतलब है कि इससे पूर्व मध्यप्रदेश के काथलिक धर्माध्यक्षों ने इस प्रकार की समिति का विरोध करने के लिये भारत के सुप्रीम कोर्ट की शरण ली थी। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा यह आश्वासन मिलने के बाद कि इस प्रकार की समिति के गठन की सरकार की कोई योजना नहीं धर्माध्यक्षों ने प्रकरण वापस ले लिया था।
भोपाल महाधर्मप्रान्त के प्रवक्ता फादर आनन्द मुत्तुंगल ने "काथलिकों को अस्वीर्कार्य" बताकर उक्त प्रस्ताव को ठुकरा दिया है।








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