काठमांडु, 11 अगस्त, 2012 (एशियान्यूज़) नेपाल सरकार 30 वर्ष से कम आयु की महिलाओं के
खाड़ी देशों में जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। नेपाल सरकार ने उक्त निर्णय उस समय लिया
जब हाल में अरब देशों में नेपाली लड़कियों और महिलाओं के साथ यौन दुराचार, बदसलुकी और
अत्याचार के रिपोर्ट सामने आये।
उक्त बात की जानकारी देते हुए नेपाल के श्रम
और आवागमन प्रबंधन विभाग के सचिव पूर्ण चन्द्र भट्टाराई ने कहा, "प्रतिबंध लगाये जाने
आशय है महिलाओं को अरब देशो में जाने से मना करना और देश के नागरिकों को अरब राष्ट्रों
में सुरक्षा प्रदान कराना।"
उन्होंने कहा, "प्रतिबंध तब तक जारी रहेगा जब तक
हम इस बात के लिये आश्वस्त न हो जायें कि हमारे श्रमिक मध्य पूर्वी देशों में सुरक्षित
हैं।"
विदित हो कि करीब 4 मिलियन नेपाली अरब राष्ट्रों में कार्य करते हैं उनमें
10 प्रतिशत महिलायें हैं। नेपाली दैनिक ‘द हिमालयन टाईम’ के अनुसार नेपाली श्रमिक भारत
या पश्चिमी राष्ट्रों में कार्य करना बेहत्तर समझते हैं। पर आर्थिक मंदी के दौर में विभिन्न
खतरों और प्रतिबंधों के बावजूद वे जीविका के लिये अरब देशों की ओर पलायन कर रहे हैं।
समाचार के अनुसार करीब 20 से 70 हज़ार नेपाली अवैध रूप से खाड़ी देशों में
निवास करते हैं। कतार में अवस्थित नेपाल दूतावास में 2 से 4 महिलायें प्रत्येक सप्ताह
मदद के लिये संपर्क करतीं हैं। उनकी शिकायत होती है मालिकों का अत्याचार के बाद शरण की
तलाश ।
बताया गया है कि इस प्रकार की घटनायें मुख्यतः साउदी अरब, कतार और कुवैत
में होते हैं फिर भी पूरा खाड़ी क्षेत्र ही श्रमिकों के साथ बुरा व्यवहार करता है।
विदित
हो कि एक रिपोर्ट के अनुसार लेबानोन में 2010 में 15 घरेलु कामगार महिलाओं ने आत्महत्या
की।
नेपाल की एक स्वयंसेवी संस्था मैती नेपाल के निदेशक बिश्व खाडका ने सरकार
के निर्णय का समर्थन करते हुए कहा कि "अरब देशो में श्रमिकों विशेष कर के महिलाओं की
स्थिति बदतर होती जा रही है। हमने कई लोगों से मुलाक़ात की है उनके अनुसार घरेलु कामगार
महिलाओं के मालिक उनका यौन शोषण करते और अपने मित्रों और रिश्तेदारों से भी यौन-संबंध
बनाने को मजबूर करते हैं। उनकी हालत तो गुलामों से भी बदतर है।"
ज्ञात हो कि
अरब देशों में लोग अवैध और अपंजीकृत श्रमिकों को काम पर लगाना पसंद करते हैं ताकि वे
उनका शोषण कर सकें और उनकी मजबूरी का फ़ायदा उठायें।
यह भी मालूम हो कि नेपाल
के साथ कई अन्य राष्ट्र जैसे फिलीपीन्स, इंडोनेशिया, श्री लंका और केन्या भी अपने संबंध
रखने के मुद्दे का मूल्यांकन कर रहे हैं।