न्यूयार्क 9 अगस्त 2012 (यूएनओ) 9 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय आदिवासी दिवस मनाया गया।
संयुक्त राष्ट्र संघ की सामान्य महासभा ने 1994 में पहली बार यह दिवस मनाने का आह्वान
किया था तथा 1995 से 2004 तक देशज या आदिवासी समुदायों के लिए पहला अंतरराष्ट्रीय दशक
घोषित किया था। इसके बाद सन 2004 में सामान्य महासभा ने सन 2005 से 2015 को ए डेकेड फोर
एक्शन एंड डिगनीटी शीर्षक से देशज समुदायों या आदिवासियों का दूसरा अंतरराष्ट्रीय दशक
घोषित किया है। इस वर्ष के अंतरराष्ट्रीय आदिवासी दिवस का शीर्षक है देशज मीडिया देशज
पुकारों का सशक्तिकरण। इस शीर्षक द्वारा पूर्वाग्रहों को चुनौती देने के लिए देशज मीडिया
के महत्व को उजागर करना, देशज लोगों की अस्मिता को तथा बाहरी दुनिया के साथ संचार को
बढ़ावा देना तथा सामाजिक और राजनैतिक एजेंडा पर प्रभाव डालना है। संयुक् राष्ट्र
संघ के महासचिव बान की मून ने इस दिवस के लिए अपने संदेश में देशज समुदायों और उनकी
मीडिया को संयुक्त राष्ट्र संघ का पूरा सहयोग देने का संकल्प व्यक्त किया है। उन्होंने
देशज समुदायों के अधिकारों के खिलाफ होनेवाले अन्यायों और मानवाधिकारों की ओर अंतरराष्ट्रीय
समुदाय का ध्यान खींचने सहित देशज समुदायों की अस्मिता, संस्कृति, कला और मूल्यों का
प्रसार करने के लिए देशज मीडिया के महत्व और उनके योगदान को भी स्वीकारा है। विश्व
के लगभग 90 देशों में 370 मिलियन देशज या आदिवासी समुदाय के लोग निवास करते हैं। देशज
समुदाय विश्व की आबादी का लगभग 5 फीसदी है लेकिन इनका लगभग 15 प्रतिशत अति निर्धनता की
स्थिति में जीवन यापन कर रहे हैं।