लाहौर, पाकिस्तान 6 अगस्त, 2012 (कैथन्यूज़) पाकिस्तान के लाहौर में अगुस्टीन जोर्ज द्वारा
चर्च संपति ढहने के विरोध में अभियान चलाने के लिये पूरे परिवार को जान से मार देने की
धमकियाँ मिल रही हैं। अगुस्टीन ने बतलाया कि लाहौर में कारितास द्वारा संचालित 7.922
वर्गकिलोमीटर में फैली ‘गोशा ए अमन’ नामक संस्थान को सरकार ने ध्वस्त कर दिया है। विदित
हो वहाँ एक छोटा गिरजाघर था जहाँ यूखरिस्तीय बलिदान सम्पन्न होता था। अपने पेशे से
एक शिक्षक रहे अगुस्टीन ने बतलाया कि एक ओर तो चर्च सम्पति को ढहने को रोकने के प्रयास
पर पानी फेर दिया गया तो दूसरी ओर उन्हें पड़ोस के मदरसावाले ध्वस्त क्षेत्र में प्रवेश
नहीं करने देते हैं। अगुस्टीन को धमकियाँ भरे गुमनाम पत्र भी प्राप्त हुए जो लाल
स्याही से लिखे थे और एक में ‘अशक्यान ए रसूल’ का हस्ताक्षर था जिसका अर्थ ‘नबीप्रेमी’। पत्र
में लिखा गया था "हम तुम्हें खत्म कर सकते थे पर हमने ऐसा नहीं किया बस तुम्हारे मोटरसाइकिल
का शीशा तोड़ दिया इस बात को बताने के लिये कि हम तुम्हारी गतिविधियों पर नज़र रखे हुए
हैं।" पत्र में आगे लिखा था कि "तुम्हारा और तुम्हारे परिवार का जीवन इस्लाम के
हाथ में है और अगर उन्हें स्वर्ग जाना है तो उन्हें इस्लाम धर्म स्वीकार करना पड़ेगा।"
अगुस्टीन ने बतलाया कि उन्होंने चर्च सम्पति को ध्वस्त किये जाने का विरोध किया था
और ध्वस्त हो जाने के बाद भी ध्वस्त चर्च परिसर से बाईबिल के बिखरे पन्नों को जमा करने
का प्रयास किया था जिसे राष्ट्रीय टीवी और समाचार पत्रों में प्रमुखता से छापा गया था।
शांति और न्याय के लिये बने आयोग के अध्यक्ष बताया कि एम्मानुएल युसुफ़ मानी के अनुसार
लाहौर के धर्माध्यक्ष ने अगुस्टीन और उसके परिवार के सदस्यों के लिये एक सुरक्षित स्थान
की व्यवस्था की है जहाँ उसे पूरी सुरक्षा दी जायेगी।