नवीन सुसमाचार प्रसार संबंधी पहले सम्मेलन का पोलैंड में आयोजन
कोस्तारजेन पोलैंड 2 अगस्त 2012 (जेनिथ) पोलैंड के कोस्तारजेन में 28 से 31 जुलाई
तक नवीन सुसमाचार प्रचार पर पहला सम्मेलन सम्पन्न हुआ जिसमें लगभग 350 समुदायों, अभियानों
और समूहों के 12 सौ से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इन प्रतिभागियों में नवीन सुसमाचार
प्रचार संबंधी परमधर्मपीठीय समिति के अध्यक्ष महाधर्माध्यक्ष साल्वातोरे फिसिकेल्ला,
पोलैंड धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष जोसेफ मिकालिक तथा वारसा के कार्डिनल काजीमियरज
नायकज शामिल थे।
सम्मेलन का उदघाटन महाधर्माध्यक्ष फिसिकेल्ला की अध्यक्षता में
सम्पन्न ख्रीस्तयाग से हुआ। उन्होंने प्रवचन के दौरान कहा कि आधुनिक मानव के लिए सुसमचार
की घोषणा करने के लिए हम सबका महान आह्वान है। हम जो कुछ भी करते हैं उसके लिए हमें अर्थ
पाने की जरूरत है। सम्मेलन के दौरान उन्होंने नवीन सुसमचार प्रसार क्या है तथा कलीसिया
के लिए इसका क्या अर्थ है इस पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि येसु ख्रीस्त की उदघोषणा
तथा उनकी मृत्यु और पुनरूत्थान के रहस्य को नवीकृत करना तथा जीवन में परिवर्तन के द्वारा
उनमें अपने विश्वास को सुदृढ़ करना। कलीसिया का अस्तित्व है कि वह स्थान की परवाह किये
बिना ही सबके लिए येसु के सुसमाचार को ले जाये। येसु का आदेश इतना स्पष्ट है कि इसके
लिए किसी प्रकार की गलतफहमी या छुट पाने का रास्ता नहीं है। जो उनके वचन में विश्वास
करते हैं वे दुनिया में भेजे जाते हैं ताकि मुक्ति की प्रतिज्ञा की उदघोषणा करें। नवीन
सुसमाचार प्रचार न केवल पुरोहितों के लिए आह्वान है लेकिन पल्लियों संघों संगठनों और
अभियानों में विश्वास के अनुभव को जीनेवालों के लिए विशिष्ट भूमिका है।
धर्माध्यक्ष
रीस ने कहा कि नवीन सुसमाचार प्रसार अस्तित्व बचानेसंबंधी रणनीति नहीं लेकिन जरूरत है।
यह दूसरों के साथ विश्वास की शेयरिंग करने की सतत आवश्यकता है।
नवीन सुसमाचार
प्रसार समूह के सचिव फादर अरथर गोडनारस्की ने कहा कि कलीसिया के सामने आज महान चुनौती
है चर्च जानेवाले लोगों को प्रोत्साहन देना कि वे यह सुनिश्च्ति करें कि विश्वास के अपने
अनुभवों को उनके साथ बांटें जो विश्वास नहीं करते हैं।