दलित ईसाईयों और मुसलमानो के समर्थन में रैली का आयोजन
नई दिल्ली 2 अगस्त 2012 (एशिया न्यूज ऊकान) अनुसूचित जाति समुदाय के ईसाईयों और मुसलमानों
को सामाजिक समानता का लाभ दिलाने संबंधी माँगों की ओर केन्द्रीय सरकार का ध्यान आकर्षित
करने के लिए पहली अगस्त को नई दिल्ली में ईसाई और मुसलमान समूहों ने रामलीला मैदान से
संसद भवन तक रैली निकाला। रैली में शामिल होने के लिए देश के विभिन्न् भागों से आये धर्माध्यक्षों,
पुरोहितों, धर्मबहनों सहित लगभग 3 हजार लोगों ने मानसूनी वर्षा की परवाह नहीं करते हुए
5 किलोमीटर की दूरी तय की। इस रैली का आयोजन एक दर्जन से अधिक ईसाई और मुसलमान समूहों
ने सरकार पर दबाव बनाने के लिए किया था ताकि दलित ईसाईयों और मुसलमानों को सरकारी नौकरियों
और शिक्षण संस्थानों में आरक्षण का लाभ मिल सके। भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन
में अनुसूचित जाति संबंधी समिति के कार्यकारी सचिव फादर देवा सहायाराज ने कहा कि हम और
अधिक प्रतीक्षा नहीं कर सकते हैं। इस अन्याय को समाप्त होना चाहिए। हमारी माँगों के समर्थन
में राजनैतिक दलों को भी गोलबंद किया जा रहा है। सन 1950 में राष्ट्रपति द्वारा पारित
एक आदेश के तहत आरक्षण का लाभ केवल हिन्दु धर्म मानने वाले दलितों को मिलता रहा है। बाद
में सरकार द्वारा उक्त आदेश में संशोधन कर आरक्षण का लाभ सिक्ख और बौद्ध धर्मानुयायी
दलितों को दिया जा रहा है। रैली में भाग लेनेवालों ने सरकार से माँग की कि दलित ईसाईयों
और मुसलमानों को लाभ पहुँचाने के लिए सरकारी आयोग की अनुशंसाओं को लागू करे। सुप्रीम
कोर्ट के सेवानिवृत्त जज रंगनाथ मिश्रा की अध्यक्षता में गठित आयोग ने सन 2007 की रिपोर्ट
में कहा था कि दलित ईसाईयों और मुसलमानों को आरक्षण से वंचित किया जाना संविधान का उल्लंघन
है जिसमें सबके लिए समानता की बात कही गयी है। सरकार ने उक्त रिपोर्ट को सन 2009 में
संसद में प्रस्तुत किया था लेकिन इसे लागू करने की दिशा में अबतक कुछ नहीं किया गया है।
फादर देवासहायराज ने कहा कि न्याय के लिए हम अपने संघर्ष को जारी रखेंगे। ईसाईयों
को विश्वास है कि केन्द्रीय सरकार उनकी माँगों को पूरा करेगी। कलीसियाई सूत्रों के
अनुसार भारतीय ईसाईयों का 60 प्रतिशत दलित हैं।