असमः काथलिक पुरोहित के अनुसार हिंसा के शिकार 15 हज़ार शरणार्थियों की हालत दयनीय
असम, 31 जुलाई सन् 2012 (एशिया समाचार): असम के कोकराझार ज़िले में सेवारत काथलिक पल्ली
पुरोहित साईलिशियन धर्मसमाजी फादर सेबास्टियन ने विगत दिनों की हिंसा के कारण शरणार्थी
बने लगभग 15 हज़ार बोडो आदिवासी शरणाथियों की स्थिति को "दयनीय" बताया है। एशिया
न्यूज़ के अनुसार विगत दिनों बोडो आदिवासियों एवं मुसलमान आप्रवासियों के बीच भड़की हिंसा
के कारण लगभग 15 हज़ार आदिवासी अपने घर और जीविका के साधन खो चुके हैं तथा काथलिक कलीसिया
द्वारा लगाये गये तम्बुओं में जीवन यापन कर रहे हैं। फादर सेबास्टियन ने कहा कि ये
लोग अपने लिये तथा अपने बच्चों के लिये अनिश्चित्त और अन्धकारपूर्ण भविष्य का सामना कर
रहे हैं। 21 और 22 जुलाई के बीच भड़की हिंसा के बाद इन्होंने अपना सबकुछ को दिया है। अन्तिम
प्रकाशित आँकड़ों के अनुसार 53 लोगों की हत्या हो गई है तथा एक लाख 70,000 शरणार्थी हो
गये हैं। इनमें बोडो आदिवासी तथा मुसलमान आप्रवासी दोनों ही शामिल हैं। फादर सेबास्टियन
ने बताया कि काथलिक कलीसिया ने 10 शरणार्थी शिविर लगायें हैं जहाँ 15,000 शरणार्थियों
को राहत पहुँचाई जा रही है। उन्होंने कहा कि आदिवासी परिवारों के घरों को आग के हवाले
कर दिया गया है, उनकी भूमि के फसलें नष्ट कर दी गई हैं तथा उनके पशुओं की हत्या कर दी
गई है इसलिये ये लोग मानसिक सदमें से गुज़र रहे हैं। फादर सेबास्टियन के अनुसार इस
समय, वर्षा ऋतु के कारण, बीमारियों के फैलने का ख़तरा है। उन्होंने कहा कि कलीसियाई लोकोपकारी
संस्थाएँ खाद्य, चिकित्सा एवं पेयजल आदि प्रदान कर रही हैं किन्तु कमज़ोर वर्ग जैसे वृद्ध,
महिलाओं एवं बच्चों की देखभाल करना एक गम्भीर चुनौती है।