बंगलोर, 30 जुलाई, 2012 (कैथन्यूज़) कर्नाटक में सरकार के निर्देश पर पानी के लिये प्रार्थना
चढ़ाने के बाद जोरों की बारिस हुई है। कई लोगों ने इस प्रार्थना का प्रभाव कहा तो कई
इस महज़ संयोग मानते हैं। ज्ञात हो कि कर्नाटक सरकार ने राज्य के करीब 34 हज़ार मंदिर
प्रबंधनों से अपील की थी कि वे वृष्टि के लिये ईश्वर से दुआ करें। सरकारी निर्देशों के
अनुसार 27 जुलाई को सभी मंदिरों में प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया था जिसमें करीब
170 मिलयन रुपये खर्च किये गये। सरकारी सूत्रों के अनुसार प्रार्थना के बाद राज्य
के 6 जिलों में मुसलाधार वृष्टि 7 में जोरों की बारिस और 10 अन्य जिलों में बूँदा-बादी
हुई। रिपोर्ट के मुताबिक शिमोगा के सागर तालुक के करौरु में सबसे अधिक 273 सेंटीमीटर
बारिस हुई। रिपोर्ट में बताया गया है कि कर्नाटक में 1 जुलाई से 27 जुलाई तक कुल
मिलाकर 37 प्रतिशत बारिस हुई जब कि 27 जुलाई को 24 घंटों में ही 13.2 सेंटीमीटर बारिस
हुई जो औसत बारिस 8.2 सेंटीमीटर से 61 प्रतिशत ज़्यादा है। सरकार ने प्रत्येक मंदिर
प्रबंधन को वृष्टि के लिये प्रार्थना करने के लिये 5 हज़ार रुपये दिये थे। मालूम
हो कि मैसूर के फिलोमिना चर्च ने भी वृष्टि के लिये प्रार्थना सभा का आयोजन किया था।
जानकारी के अनुसार 7 अगस्त को पुनः सभी मंदिरों में प्रार्थना सभा आयोजित किये जाने
की योजना है।