देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ करने से पूर्व संत पापा द्वारा दिया गया संदेश
वाटिकन सिटी 30 जुलाई 2012 (सेदोक, एशिया न्यूज) संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने रविवार
29 जुलाई को कास्तेल गांदोल्फो स्थित ग्रीष्मकालीन प्रेरितिक प्रासाद के प्रांगण में
देश विदेश से आये हजारों तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के साथ देवदूत संदेश प्रार्थना का
पाठ किया। इससे पूर्व उन्होंने इताली भाषा में सम्बोधित करते हुए कहा- अतिप्रिय
भाईयो और बहनो, इस रविवार को हमने संत योहन रचित सुसमाचार के छटवें अध्याय को पढ़ना
आरम्भ किया है जो रोटियों के चमत्कार से शुरू होता है। कफरनाहूम के सभागृह में येसु इसके
बारे में और स्वयं को रोटी कहते हैं जो जीवन देता है। येसु के कृत्य अंतिम व्यालू के
समानान्तर है जब येसु ने रोटी ली, धन्यवाद की प्रार्थना पढी और बैठे हुए लोगों में उन्हें
उनकी इच्छा भर बँटवाया। (संत योहन 6, 11) रोटी के इस विषय पर जोर दिया जाना जिसे बांटा
जाता है और धन्यवाद दिया जाना ये सब युखरिस्त का संदर्भ हैं, संसार को बचाने के लिए ख्रीस्त
का बलिदान है। सुसमाचार लेखक लिखते हैं कि पास्का पर्व निकट था। दृष्टि क्रूस की
ओर जाती है, प्रेम का पूर्ण उपहार, यूखरिस्त की ओर जो इस उपहार को बढाता है। ख्रीस्त
मनुष्यों के लिए जीवन की रोटी बन जाते हैं। जैसा कि संत अगुस्टीन कहते हैं- स्वर्ग की
रोटी कौन हैं केवल ख्रीस्त। मानव को देवदूतों की रोटी मिल सके इसलिए देवदूतों का प्रभु
मानव बना। क्योंकि यदि वह मानव नहीं बनते, हमें उनका शरीर नहीं मिलता। यदि हमें उनका
शरीर नहीं मिलता तो बलिवेदी की रोटी नहीं खाते। यूखरिस्त, ख्रीस्त के साथ महान स्थायी
मिलन है जिसमें प्रभु हमारा पोषण बन जाते हैं और हम सबको को उनके साथ मिल जाने के लिए
स्वयं को दे देते हैं। रोटियों के चमत्कार के प्रसंग में एक लड़के की उपस्थिति पर गौर
किया जाता है। इतने अधिक लोगों को खिलाने में कठिनाई को देखते हुए उसने जो कुछ उसके पास
था, जौ की पाँच रोटियाँ और दो मछलियाँ उन्हें अर्पित किया। चमत्कार, बिना कुछ के
नहीं हुआ लेकिन एक साधारण लड़के की उसके पास जो कुछ भी था उसे बांटने की इच्छा से पूरा
हुआ। प्रभु येसु हमसे वह नहीं माँगते हैं जो हमारे पास नहीं है लेकिन दिखाते हैं कि यदि
हममें से प्रत्येक जन जो कुछ भी उसके पास है अर्पित करता है तो हमेशा पुनः चमत्कार हो
सकता है। ईश्वर फिर से प्रेम के हमारे छेटे छेटे कामों को बडे कामों में परिणत कर सकते
हैं और हमें अपने उपहार में सहभागी बना सकते हैं। भीड़ चमत्कार को देखकर आश्चर्यचकित
है। यह येसु में एक नये मूसा को देखती है, शक्तिसम्पन्न और नया मन्ना, इसका भविष्य आरक्षित
है लेकिन भौतिक पहलू तक ही सीमित है। ईसा समझ गये कि लोग उन्हें राजा बनाने के लिए पकड़
ले जायेंगे इसलिए वे अकेले ही पहाड़ी पर चले गये। येसु एक दुनियावी राजा नहीं है
जो शासन करते हैं लेकिन ऐसे राजा हैं जो सेवा करते हैं, जो मानव के स्तर तक झुकते हैं
ताकि न केवल उसकी भौतिक क्षुधा को शांत कर सकें लेकिन गहन स्तर पर जो ईश्वर के लिए है।
प्रिय भाईयो और बहनो, हम प्रभु से प्रार्थना करते हैं कि हमें ख्रीस्त के शरीर से
स्वयं को पोषण प्रदान करने के महत्व की पुर्नखोज करने की महत्ता को देखने के लिए सक्षम
बनायें। यूखरिस्त में और अधिक जागरूकता तथा निष्ठा के साथ सहभागी हों, प्रभु के साथ पहले
से कहीं अधिक गहन रूप से संयुक्त हों। वस्तुतः यह ऐसा नहीं है कि यूखरिस्तीय भोजन हममें
बदल जाता है लेकिन इसके द्वारा हम रहस्यात्मक रूप से पूर्ण परिवर्तित हो जाते हैं। ख्रीस्त
हमें अपने साथ संयुक्त कर हमें पोषण प्रदान करते हैं। वे हमें अपनी ओर खींचते हैं। इसके
साथ ही हम प्रार्थना करना चाहते हैं कि मर्यादापूर्ण जीवन जीने के लिए किसी भी व्यक्ति
को जरूरी रोटी की कमी नहीं हो तथा सब प्रकार की असमानताएं दूर हों हिंसा के हथियारों
द्वारा नहीं लेकिन शेयरिंग और प्रेम द्वारा। हम स्वयं को कुँवारी माता मरिया के सिपुर्द
करें और अपने तथा अपने प्रियजनों के लिए उनकी ममतामयी मध्यस्थता की याचना करें। इतना
कहने के बाद संत पापा ने देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ किया और सबको अपना प्रेरितिक
आशीर्वाद प्रदान किया।