प्रेरक मोतीः सन्त नज़ारियुस एवं सन्त सेल्सुस (पहली शताब्दी)
वाटिकन सिटी, 28 जुलाई सन् 2012:
सन्त नज़ारियुस तथा सन्त सेल्सुस आरम्भिक कलीसिया
के शहीद हैं। प्राचीन कलीसियाई इतिहास के अनुसार, नज़ारियुस को सन्त पापा, सन्त लीनुस
से बपतिस्मा मिला था। ख्रीस्तीय धर्म की शिक्षा प्राप्त करने के बाद नज़ारियुस ने कईयों
को प्रभु येसु के सुसमाचार से परिचित कराया था। इन्हीं में से थे किशोर सेल्सुस जिनकी
शिक्षा-दीक्षा का बीड़ा नज़ारियुस ने उठाया था। दोनों ने मिलकर, इटली में, दूर दूर तक
सुसमाचार का प्रचार किया था किन्तु जब वे मिलान शहर पहुँचे तब तत्कालीन रोमी प्रशासक
एनोलीनुस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। कुछ दिन बाद उनके मृत शव, मिलान के तत्कालीन
धर्माध्यक्ष सन्त एम्ब्रोज़ को, शहर के बाहर पड़े मिले। उनके सुसमाचार प्रचार कार्य से
क्रुद्ध होकर एनोलीनुस ने उनके सिरों को धड़ से अलग कर उन्हें मरवा डाला था। सन्त नज़ारियुस
तथा सन्त सेल्सुस आरम्भिक कलीसिया के शहीद सन्त हैं, उनका पर्व 28 जुलाई को मनाया जाता
है।
चिन्तनः प्रभु येसु के सुसमाचार के ख़ातिर अपने प्राणों की आहुति देनेवाले
आरम्भिक कलीसिया के शहीद सन्त, ख्रीस्त में हमारे विश्वास को सुदृढ़ करें तथा यह सोचने
पर बाध्य करें कि हम कितना जीतें हैं वह महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि किस तरह जीतें हैं।