बोंगाईगाँव के धर्माध्यक्ष द्वारा शांति बनाये रखने की अपील
बोंगाईगाँव असम 27 जुलाई 2012 (ऊकान) भारत के असम राज्य में बोंगाईगाँव के धर्माध्यक्ष
थोमस पुल्लोपिलिल ने असम के हिंसा प्रभावित जिलों में शांति बनाये रखने की अपील की है।
जातीय संघर्ष में गुरूवार तक मृतकों की संख्या 44 पहुंच गयी। बोंगाईगाँव धर्मप्रांत का
क्षेत्र बोडोलैंड स्वायत्तशासी जिलों के चारों हिंसा प्रभावित जिलों तक फैला है। धर्माध्यक्ष
थोमस ने ऊकान समाचार सेवा से कहा कि वे और उनके पुरोहित पड़ोसी राज्य पश्चिमी बंगाल के
कुर्सियोंग में आध्यात्मिक साधना कर रहे थे लेकिन हिंसा के कारण वे अपने तय कार्यक्रमों
को समाप्त कर अपने धर्मप्रांत लौट आये ताकि पीडित लोगों की सहायता कर सकें। धर्मप्रांत
द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि धर्माध्यक्ष ने एक रिलीफ टीम और शांति
मिशन समिति बनायी है जो निरंतर परिस्थिति पर नजर रखे हुए है। स्कूल संस्थान चिकित्सा
केन्द्र तथा चर्च परिसर हिंसा प्रभावित लोगों के लिए राहत शिविरों के रूप में सेवा दे
रहे हैं। धर्माध्यक्ष महोदय ने कारितास इंडिया, काथलिक रिलीफ सर्विसेस, नोर्थ कम्यूनिटी
हेल्थ एसोसियेशन तथा अन्य गैर सरकारी संगठनों से भोजन, खाद्य पदार्थ, कपड़े, आश्रय तथा
चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराने की अपील की है ताकि पीडितों की सहायता की जा सके। बेघर हुए
लगभग 2 लाख लोगों ने 100 से अधिक राहत शिविरों में शरण लिया है। 20 जुलाई को चार
बोडो युवाओं की हत्या का आरोप मुसलमानों पर लगाये जाने के बाद बोडो जनजातीय समुदाय और
मुसलमानों के मध्य तनाव बढ़ गया। उक्त घटना की प्रतिक्रिया में दोनों समुदायों द्वारा
हिंसा तथा आगजनी करने की घटनाएँ कोकराझार और चिरांग जिले में फैल गयीं। धर्माध्यक्ष
थोमस ने कहा कि हमें एक साथ शांति के लिए बैठना होगा क्योंकि केवल शांतिमय माहौल में
ही कोई समाधान पाया जा सकता है। इस हिंसा से जनजातीय बोडो और मुसलमान, दोनों समुदाय प्रभावित
हो रहे है। दोनों समुदायों के मध्य बातचीत हो इसके लिए हम यथासंभव प्रयास कर रहे हैं।
भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह शनिवार को हिंसा पीडित असम का दौरा करनेवाले हैं।
राज्य के मुख्यमंत्री तरूण गोगोई ने हिंसा के बारे में मीडिया द्वारा दी जा रही रिपोर्टों
पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बल दिया कि परिस्थिति में सुधार हो रहा है।