मनीला 27 जुलाई 2012 (राजस्थान पत्रिका, उकान) तमिलनाडु में ग्रामीण महिलाओं को अपने
पैरों पर खड़ा करने के लिए जमीनी स्तर पर कार्य कर रहे कार्यकर्ता कुलांदेई फ्रांसिस
ने इस साल का रामोन मैगसेसे पुरस्कार जीता है।
फ्रांसिस तमिलनाडु के कृष्णागिरि
जिले में 'इंटीग्रेटेड विलेज डेवलपमेंट प्रोजेक्ट' ( आईवीडीपी) का संचालन करते हैं।
रामोन मैगसेसे फाउंडेशन ने 2012 के पुरस्कार के विजेताओं का एलान करते हुए 65 साल के
फ्रांसिस के बारे में कहा, फ्रांसिस अपने दूरदर्शी सोच और उत्साह के लिए जाने जाते हैं।
उनके कार्यक्रमों से ग्रामीण भारत में हजारों महिलाओं का उत्थान हुआ है। अन्नामलाई विवि
से स्नातक फ्रांसिस ने 1979 में आईवीडीपी की स्थापना की और इसे राज्य के दूरदराज के इलाकों
में फैलाया।
फ्रांसिस कुलानदेई होली क्रोस धर्मसमाजी भूतपूर्व काथलिक पुरोहित
रह चुके हैं। उन्होंने 1979 में धर्मसमाजी जीवन का परित्याग करने के बाद तीन दशकों तक
लोगों की सहायता के लिए समाज सेवा के क्षेत्र में काम किया है। फ्रांसिस के प्रोजेक्ट
से गरीबी की मार झेल रही महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों की स्थापना करने, सामुदायिक
कार्यों में शामिल होने, लघु उद्यमों को आरम्भ करने, बचत खाता खोलने तथा सुरक्षित ऋण
प्राप्त करने के लिए सहायता मिली। शिक्षा और सामुदायिक गतिविधियों के द्वारा हजारों महिलाओं
को अपने परिवारों को गरीबी चक्र से बाहर आने में सहायता मिली है। इस समय कृष्णागिरी,
धर्मपुरी और वेल्लोर जिले में 8 हजार से अधिक स्वयं सहायता समूहों को आईवीडीपी से सहायता
मिलती है। रामोन मैगसेसे पुरस्कार देनेवाली समिति की अध्यक्ष कारमेंसीता अबेला ने
कहा कि पुरस्कार जीतनेवाले छः उल्लेखनीय व्यक्ति हैं जो गरीबी निवारण के लिए सतत समाधानों
की रचना करने में गहन रूप से जुडे हैं। उन्होंने कहा कि निस्वार्थ भाव तथा शक्तिशाली
तरीकों से काम करते हुए इन्होंने दिखाया है कि समर्पण, दक्षता और सहयोगपूर्ण नेतृत्व
से लाखों लोगों के जीवन में सचमुच में परिवर्तन लाया जा सकता है तथा प्रगतिशील सामुदायिक
कार्यों को गति प्रदान की जा सकती है। एशिया का नोबेल पुरस्कार मानेजाने वाला रामोन
मैगसेसे पुरस्कार इस वर्ष फ्रांसिस के अलावा बांग्लादेश से रिजवाना, ताइवान से चेन शू
चू, फिलीपीन से रामुलो डेविड, कंबोडिया से यांग सेंग कोमा और इंडोनेशिया से एंब्रोसियस
रूविंद्रजार्तो ने मैगसेसे पुरस्कार जीता है। सभी विजेताओं को 31 अगस्त को एक समारोह
में यह पुरस्कार दिया जाएगा।