2012-07-25 12:19:26

वाटिकन सिटीः विश्व पर्यटन दिवस 2012 के सन्देश में धारणीय विकास पर बल


वाटिकन सिटी, 25 जुलाई सन् 2012 (सेदोक): विश्व पर्यटन दिवस सन् 2012 के लिये वाटिकन द्वारा प्रकाशित सन्देश में धारणीय विकास पर बल दिया गया है।
मंगलवार को, आप्रवासियों एवं पर्यटकों की प्रेरिताई हेतु गठित परमधर्मपीठीय समिति ने संयुक्त राष्ट्र संघीय विश्व पर्यटन संगठन के तत्वाधान में घोषित विश्व पर्यटन दिवस सन् 2012 का सन्देश प्रकाशित किया।
प्रतिवर्ष 27 सितम्बर को विश्व पर्यटन दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष का शीर्षक है, "धारणीय विकास को सशक्त बनाने के लिये पर्यटन और धारणीय ऊर्जा"।
वाटिकन के सन्देश में कहा गया कि परमधर्मपीठ पर्यटन दिवस को "नागर समाज के साथ वार्ता का सुअवसर मानती तथा बेहतर मानव समाज के निर्माण हेतु सुसमाचार पर आधारित ठोस योगदान अर्पित करती है।"
वर्तमान विश्व में बढ़ते पर्यटन की ओर ध्यान आकर्षित कराते हुए परमधर्मपीठ ने सचेत किया कि यद्यपि पर्यटन में विकास के सकारात्मक परिणाम होते हैं तथापि, पर्यावरण की दृष्टि से इसके नकारात्मक परिणाम भी हो सकते हैं जैसे ऊर्जा का विनाश तथा प्रदूषण।
सन्देश में पर्यटन सम्बन्धी नीति परक परामर्श भी दिये गये हैं तथा पर्यटन को और अधिक मानव केन्द्रित बनाये जाने का आग्रह किया गया। कहा गया, "हम मानव और प्रकृति पर अपने दृष्टिकोण को नहीं बदल सकते जो सृष्टिकर्ता ईश्वर के साथ एक ही बन्धन में बँधे हैं। ईश्वर ने सृष्टि के रख रखाव का ज़िम्मा मानव के सिपुर्द किया है।"
सन्देश में पर्यावरण की रक्षा हेतु जीवन शैली में परिवर्तन का आह्वान किया गया और कहा गया कि लोगों में पर्यावरणीय संवेदनशीलता जगाने के लिये उनमें ज़िम्मेदारी की चेतना को जगाना अनिवार्य है। पर्यटकों एवं पर्यटन उद्योग में लगे लोगों की मानसिकता में बदलाव की आवश्यकता पर बल दिया गया ताकि वे समझ सकें कि उनके हर व्यवहार, हर निर्णय एवं हर कृत्य के क्या परिणाम हो सकते हैं।








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