लंदन, 21 जुलाई, 2012 (ज़ेनित) लंदन में आयोजित ओलंपिक के मद्देनज़र इंगलैंड और वेल्स
के धर्माध्यक्षों ने काथलिकों से अपील की है कि वे ओलंपिक को विभिन्न तरीकों से अपना
समर्थन देने दें।
इसके लिये इंगलैंड की धर्माध्यक्षीय परिषद् के कैथोलिक 2012
ऑफिस ने इंटरनेट में कई सुविधायें उपलब्ध करा दीं हैं जिसे ‘डाउनलोड’ किया जा सकता है।
धर्माध्यक्ष के अनुसार प्रत्येक काथलिक ओलंपिक प्रतियोगिता को तीन तरीकों से
अपनी मदद दे सकता है उनमें सबसे महत्वपूर्ण है - प्रार्थना। दूसरा है, पवित्र साक्रमेंट
की भेंट और तीसरा - अन्तरकलीसियाई प्रार्थना।
धर्माध्यक्षों के मार्गनिर्देशन
के अनुसार ने सभी काथलिक ओलंपिक की सफलता के प्रार्थना करें ताकि यह बिना किसी समस्या
के सम्पन्न हो सके।
उन्होंने सलाह दी कि जब वे यात्रा कर रहे हों तब भी वे विशेष
प्रार्थनायें चढ़ायें ताकि ओलंपिक शांतिपूर्ण हो और सभी अप्रिय घटनाओं से मुक्त रहे।
धर्माध्यक्षों
द्वारा जारी निर्देशन में उन बातों की जानकारी है जिसके द्वारा विश्वासी व्यक्तिगत या
सामूहिक रूप से ओलंपिक में अपनी सहभागिता को अर्थपूर्ण बना सकता है।
काथलिक एक्जेक्यूटिव
कोर्डिनेटर फॉर 2012 गेम्स जेम्स पार्कर ने कहा कि ओलंपिक काथलिकों के लिये एक ऐसा सुअवसर
है जिसके द्वारा वे अपने पल्ली और समुदाय को मजबूत कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इसके
लिये कोई अनावश्यक खर्च न करें पर अपने छोटे अच्छे कार्यों को ‘ओलिम्पीफाई’ करें।
उधर
बेस्टमिन्सटर धर्मप्रांत ने एक नयी प्रेरिताई का आह्वान करते हुए नारा दिया है ‘मोर दैन
गोल्ड’ अर्थात् ‘स्वर्ण से ज़्यादा’।
महाधर्माध्यक्ष विन्सेन्ट निकोल्स ने कहा
कि इस पहल के द्वारा काथलिक कलीसिया चाहती है कि ओलंपिक में भाग लेनेवाले प्रतिभागियों
के परिवारों को मदद दें जो लंदन आना चाहते हैं पर उनके पास आर्थिक समस्या है।
उन्होंने
बतलाया कि इंगलैंड में सैकड़ो ऐसे परिवार हैं जो खिलाड़ियों के परिवार के सदस्यों को
आश्रय देने के लिये तैयार हैं।
धर्माध्यक्ष ने इस बात की भी जानकारी दी है कि
जोन पौल द्वितीय फाँउडेशन के तहत उन युवा खिलाड़ियों को प्रोत्साहन दिया जायेगा जो होनहार
है पर उनके पास अवसर की कमी है।