2012-07-16 15:09:37

माता मरिया की प्रतिमा से रक्त


नई दिल्ली, 16 जुलाई, 2012 (कैथन्यूज़) नयी दिल्ली के निकट गाज़ियाबाद कस्बे के मरियमनगर में अवस्थित ‘कारमेलाईट मेरी इम्माकुलेट’ भवन के गिरजाघर में माता मरियम की प्रतिमा की आँखों से आँसू बहने से हज़ारों लोग स्तभ्ध हैं।
घटना की जानकारी देते हुए गिरजाघर के अधिकारी फादर जोय ने बतलाया कि जब शनिवार 14 जुलाई को घरेलु कामगार महिला सुनीता साढे ग्यारह बजे गिरजाघर गयी और माता मरिया की प्रतिमा को साफ करने लगी तो पाया कि माता मरिया की आँखों से लहू बह रहा है। उसने उसे साफ़ करने का प्रयास किया पर रक्त बहता रहा।
फादर जोय ने बतलाया कि जब उन्होंने सुनीता को देखा तो वह काँप रही थी और माता मरिया की प्रतिमा को पकड़े प्रार्थना करती हुई रो रही थी।
माता मरिया की आँखों से रक्त बहने की बात दावानल की तरह पूरे क्षेत्र में फैल गयी और करीब 3 हज़ार लोग इसे देखने के लिये पहुँच गये। सीएमआई धर्मबंधु जोर्ज ने बतलाया कि इतनी भीड़ जमा हो गयी की उसे नियंत्रित करने के लिये पुलिस का सहारा लेना पड़ा।
फादर ने बतलाया कि मूर्ति से कई घंटों तक रक्त बहता रहा। सुनीता ने बतलाया कि उसे ऐसा आभास हुआ कि माता मरिया उसके समक्ष खड़ी है और रो रही है और तब वह मूर्ति को पकड़ कर रोने लगी।
घटना की ख़बर मेरठ के धर्माध्यक्ष फ्रांसिस कालिस्ट को दे दिया गया है और उन्होंने निर्देश दिये हैं कि माता मरिया की प्रतिमा को पूरे सम्मान के साथ रखा जाये।
फादर वाडाक्केल ने खून के सैम्पल की जाँच संत जोसेफ हॉस्पीटल में करायी गयी। खून का ग्रूप ‘बी पोजीटिव’ पाया गया।
फादर वाडाक्केल ने बतलाया कि दूसरे दिन रविवार 15 जुलाई को भी मरिया की प्रतिमा से रक्त बहते देखा गया जब फादर यूखरिस्तीय बलिदान चढ़ाने आये। रक्त का प्रवाह तेज़ था और इसकी बूँदें टेबल पर रखे कागज़ पर गिरने लगीं थीँ।
एक ओर हज़ारों भक्त प्रार्थना करने में लीन है तो दूसरी ओर कुछ हिन्दुओं का मानना है कि यह कोई प्राकृतिक विपदा की पूर्व-सूचना है।
विदित हो कि माता मरिया की मूर्ति को संत पौल सेन्टर नयी दिल्ली से कुछ ही माह पूर्व लाकर इस चैपल में स्थापित किया गया था।











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