2012-07-11 12:40:45

वाटिकन सिटीः हारबिन के धर्माध्यक्ष धर्म से बहिष्कृत, शंघाई के सहयोगी धर्माध्यक्ष का स्वागत


वाटिकन सिटी, 11 जुलाई सन् 2012 (सेदोक): वाटिकन प्रेस कार्यालय ने, मंगलवार को, चीन के हारबिन तथा शंघाई में इस सप्ताह सम्पन्न धर्माध्यक्षों के अभिषेकों पर एक वकतव्य जारी किया।

वकतव्य के अनुसार, सन्त पापा के अनुमोदन के बिना हुए हारबिन के धर्माध्यक्षीय अभिषेक को, वाटिकन ने, अवैध घोषित कर अभिषिक्त धर्माध्यक्ष जोसफ यूए फूशेंग को काथलिक कलीसिया से बहिष्कृत कर दिया तथा सन्त पापा के अनुमोदन पर अभिषिक्त शंघाई के सहयोगी धर्माध्यक्ष थदेयुस मा दाकिन के अभिषेक का स्वागत किया है।
शुक्रवार, 06 जुलाई को जोसफ यूए फूशेंग चीनी सरकार नियंत्रित चीनी देशभक्त कलीसिया द्वारा सन्त पापा के अनुमोदन के बग़ैर धर्माध्यक्ष अभिषिक्त किये गये थे।
इस सन्दर्भ में वाटिकन के वकतव्य में कहा गया, "48 वर्षीय जोसफ यूए फूशेंग सन्त पापा के अनुमोदन के बग़ैर अतः अधर्म्य रूप से धर्माध्यक्ष अभिषिक्त किये गये थे और ऐसा कर उन्होंने स्वतः को काथलिक कलीसिया से बहिष्कृत कर लिया है। धर्माध्यक्ष रूप में वे मान्य नहीं हैं और न ही उनके पास किसी प्रकार के धर्माध्यक्षीय अधिकार हैं।"
वकतव्य में यह भी कहा गया कि विगत कुछ समय से कई बार जोसफ फूशेंग को चेतावनी दे दी गई थी कि सन्त पापा के अनुमोदन के बिना काथलिक कलीसिया में धर्माध्यक्षों की नियुक्ति एवं अभिषेक नहीं हो सकता। देशभक्त चीनी कलीसिया द्वारा धर्माध्यक्षीय अभिषेक को स्वीकार न करने का भी उनसे अनुरोध किया गया था तथा इसके गम्भीर परिणामों से भी अवगत करा दिया गया था।
इसके अलावा, वकतव्य में यह भी कहा गया कि जिन धर्माध्यक्षों ने उस धार्मिक समारोह में भाग लिया था उन्हें भी अपने कृत्य पर परमधर्मपीठ को स्पष्टीकरण देना होगा।"
वकतव्य में चीन के उन काथलिक पुरोहितों एवं लोकधर्मियों की सराहना की गई है जिन्होंने जोसफ फूशेंग के मनपरिवर्तन के लिये प्रार्थना की थी। चीन के सभी काथलिकों का आह्वान किया गया कि वे सार्वभौमिक कलीसिया की धर्मशिक्षा एवं परम्परा की सुरक्षा हेतु समर्पित रहें जो, "पेत्रुस एवं उनके उत्तराधिकारी की ठोस चट्टान पर निर्मित की गई है।"
इस बीच, वाटिकन के इसी वकतव्य में रविवार को शंघाई के सहयोगी धर्माध्यक्ष थदेउस मा दाकिन के धर्माध्यक्षीय अभिषेक का स्वागत किया गया है जिनकी नियुक्ति को सन्त पापा का अनुमोदन प्राप्त था।
वकतव्य के अन्त में वाटिकन ने चीन की सरकार का आह्वान किया है कि वह परमधर्मपीठ के साथ रचनात्मक वार्ता करे तथा किसी भी प्रकार के विनाशक कृत्य जैसे सन्त पापा के अनुमोदन के बिना धर्माध्यक्षों की नियुक्ति आदि में संलग्न न होवे।








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