मुम्बई, 10 जुलाई सन् 2012 (ऊका समाचार): बॉम्बे हाईकोर्ट ने, गुजरात में सन् 2002 के
दंगों के दौरान बहुचर्चित बेस्ट बेकरी मामले में चार अभियुक्तों को उम्र क़ैद की सज़ा
सुनाई जबकि पाँच अभियुक्तों को बरी कर दिया। हाईकोर्ट ने 2006 में दोषी ठहराए गए नौ लोगों
की अपील पर अपना फ़ैसला दिया। पाँच आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया है।
01 मार्च, 2002 को, गोधरा कांड के दो दिन बाद, क्रुद्ध भीड़ ने वड़ोदरा में बेस्ट
बेकरी पर हमला कर दिया था। यहाँ मची लूटपाट एवं आगजनी में 14 व्यक्ति मारे गये थे जिनमें
12 मुसलमान थे। इस मामले में 20 व्यक्तियों पर आरोप लगे थे। फरवरी 24, सन् 2005 को
मुंबई की एक विशेष अदालत ने इनमें से नौ व्यक्तियों को दोषी ठहराते हुए सज़ा सुनाई थी।
इसके बाद इन नौ लोगों ने हाईकोर्ट में अपील की थी। हाईकोर्ट ने पाँच व्यक्तियों को
सबूतों की अनुपस्थिति में बरी कर दिया जबकि संजय ठाकर, बहादुर सिंह चौहान, शानाभाई बारिया
और दिनेश राजभार नाम के चार अभियुक्तों को निचली अदालत द्वारा सुनाई गई उम्र क़ैद की
सज़ा को बहाल रखा है। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार न्यामूर्ति पी.डी. कोडे तथा
वी.एम. कनाडे की खण्डपीठ ने अपील की सुनवाई में बेस्ट बेकरी के चार घायल मज़दूरों की
गवाही को आधार बनाया। मज़दूरों ने आरोपी व्यक्तियों की पहचान की थी और कहा था कि वे
गोधरा दंगों के दौरान घटनास्थल पर तलवार और अन्य घातक हथियारों के साथ मौजूद थे।