वाटिकन सिटी, 9 जुलाई, 2012 (वीआर,अँग्रेज़ी) वाटिकन प्रेस कार्यालय के निदेशक जेस्विट
फादर फेदेरिको लोम्बारदी ने कहा है कि द्वितीय वाटिकन महासभा के आरंभ होने का पचासवें
वर्षगाँठ एक ऐसा सुअवसर होगा जब हम एक होकर पवित्र आत्मा की आवाज़ सुन सकें।
उन्होंने
कहा कि यह एक ऐसा समय होगा जब विश्वासी उत्साहपूर्वक द्वितीय वाटिकन के दस्तावेज़ों का
पुनः अध्ययन करेंगे और कलीसिया में हो रही नवीनीकरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ा सकेंगे।
फादर
लोमबारदी ने उक्त बात उस समय कही जब उन्होंने वाटिकन टेलेविज़न के साप्ताहिक कार्याक्रम
‘ऑक्तावा दियेस’ में द्वितीय वाटिकन महासभा के पचासवें वर्ष पूरा होने पर अपने विचार
रखे।
फादर लोमबारदी ने कहा कि संत पापा का 9 जुलाई को कास्तेल गंदोल्फो के निकट
नेमी शहर जाना सिर्फ़ वेरबाइटसों से एक मुलाक़ात मात्र नहीं है। यह वही स्थान है जहाँ
सन् 1965 में संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने एक ईशशास्त्री और विशेषज्ञ रूप में उस आयोग
में अपना योगदान दिया जिससे वाटिकन द्वितीय के दस्तावेज़ तैयार किये गये।
फादर
लोमबारदी ने जानकारी दी कि जिन लोगों ने द्वितीय वाटिकन महासभा के दस्तावेज़ों के लिये
अपना योगदान दिया उन्हमें 30 अभी भी जीवित हैं। उनके साक्ष्य आज भी हमें प्रेरित करते
हैं, हालाँकि हमने उसमें सीधे तौर से हिस्सा नहीं लिया।
वाटिकन द्वितीय महासभा
के दस्तावेज़ आज भी हमे इस बात की याद दिलाते हैं कि इसके प्रतिभागियों में कितना उत्साह
जोश और आशा थी।
वाटिकन प्रवक्ता ने कहा कि द्वितीय वाटिकन महासभा में कलीसिया
का नवीनीकरण एक प्रमुख विषय वस्तु थी। प्रभु येसु ने हमें जिस कलीसिया को दिया उसका विकास
बहुत हो चुका है फिर भी संत पापा हमें प्रोत्साहन देते हैं कि इसके नवीनीकरण की प्रक्रिया
जारी रहे।