गुजरात, 9 जुलाई, 2012(कैथन्यूज़) सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार से उन धार्मिक स्थलों
के विवरण माँगे हैं जो सन् 2002 के साम्प्रदायिक दंगों के दौरान क्षतिग्रस्त हो गये थे।
कोर्ट ने दो सदस्यीय जजों की एक बेंच बनायी है जिसमें के.एस.राधाकृष्णन और दिपक मिश्रा
को यह ज़िम्मा दिया है कि वे धार्मिक स्थलों के मरम्मत में होने वाले अनुमानित लागत खर्च
का व्यौरा दें। सर्वोच्च न्यायालय यह तय करेगी कि धार्मिक स्थलों की मरम्मत के लिये
होने वाले खर्च की राशि प्राकृतिक आपदा फंड से निकालेगी या दंगों से होने वाली क्षति
के लिये दिये जाने वाले मद से। विदित हो कि इस्लामिक रिलीफ कमिटि ऑफ गुजरात नामक एक
स्वयंसेवी संस्था ने उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर मुआवज़े की माँग की थी। स्वयंसेवी
संस्था की अपील पर उच्च न्यायालय ने 500 धार्मिक स्थलों के लिये मुआवज़ा देने पर राजी
हुआ पर संस्था ने माँग की है कि 535 स्थलों के लिये मुआवज़ा दिया जाये। 37 स्थलों की
मरम्मत अब भी बाकी है। ज्ञात हो कि गोधरा में रेल में लोगों के जलाये जाने के बाद
भड़की हिन्दु-मुस्लिम हिंसा में करीब 1000 लोगों की जानें गयीं थीं और 200 से अधिक लोग
घायल हुए थे।