बेरुत, सीरिया 7 जुलाई, 2012(एशियान्यूज़) संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव बान की मून
ने सीरिया में सैन्य पर्यवेकों के मिशन को बदलने का प्रस्ताव किया है।
इस प्रस्ताव
के द्वारा वे चाहते हैं कि सीरिया की समस्या का राजनीतिक समाधान निकाला जाये ताकि मानवाधिकार
से जुड़े मुद्दों का भी समाधान हो।
महासचिव ने अपने इस विचार को सुरक्षा परिषद्
को भेज दिया है जिसे अगले सप्ताह बुधवार को विचार किया जायेगा और 18 जुलाई को उस पर मतदान
होंगे।
माना जा रहा है कि बान की मून का प्रस्ताव औपचारिक रूप से 300 सैन्य पर्यवेक्षकों
के मिशन की असफलता को स्वीकार करना है। यह योजना उस समय बनायी गयी थी जब कोफी अन्नन संयुक्त
राष्ट्र संघ के महासचिव थे।
राजनीतिक विशेषज्ञों ने भय व्यक्त किया है कि बान
की मून के लिये इसे पास कराना उतना आसान नहीं होगा।
विदित हो, कि पारिस सम्मेलन
में 100 से भी अधिक ‘सीरिया के मित्र’ प्रतिनिधियों ने एक प्रस्ताव को स्वीकार किया जो
इस बात की माँग करता है कि दमस्कुस सरकार के विरुद्ध कारवाई हो और राष्ट्रपति अस्सद को
शांति प्रक्रिया से बाहर रखा जाये और वह किसी भी शक्ति और धमकी का प्रयोग न करे।
इसके
साथ अमेरिका की सचिव हिल्लरी क्लिंगटन ने कहा कि चीन और रूस को दमस्कुस सरकार की रक्षा
करने का मूल्य चुकाये। इसे रूस के विदेश मंत्री ने ‘अन्यायपूर्ण’ करार दिया।