भोपालः धर्माध्यक्षों ने मध्यप्रदेश सरकार के विरुद्ध मामला लिया वापस
भोपाल, 03 जुलाई सन् 2012 (ऊका): मध्यप्रदेश के काथलिक धर्माध्यक्षों ने अल्पसंख्यक स्कूलों
में सूर्यनमस्कार की प्रस्तावना से सम्बन्धित मध्यप्रदेश सरकार के विरुद्ध दायर मुकद्दमें
को वापस ले लिया है। मध्यप्रदेश की काथलिक धर्माध्यक्षीय परिषद का निर्णय, राज्य
सरकार द्वारा उच्च न्यायालय में दिये इस उपक्रम के बाद आया कि स्कूलों और छात्रों के
लिये सूर्य नमस्कार एक स्वैच्छिक क्रिया है। काथलिक कलीसिया के अतिरिक्त राज्य के
मुसलमान समुदाय ने भी सूर्य-नमस्कार को स्कूलों में प्रस्तावित करने का विरोध किया था।
उनका कहना था कि यह इस्लाम के विरुद्ध है। सन् 2007 में सरकार ने यह कहकर स्कूलों
में सूर्य-नमस्कार की प्रस्तावना की थी कि इससे छात्र शारीरिक एवं मानसिक रूप से फिट
रहेंगे। अल्पसंख्यकों का कहना है कि राज्य सरकार जानबूझकर स्कूलों में हिन्दु धर्म
को प्रोत्साहित कर रही थी तथा विद्यार्थियों में विभाजन उत्पन्न कर रही थी। उनके अनुसार
योगिक क्रिया और विशेष रूप से सूर्यनमस्कार सूर्य की पूजा है जो हिन्दु धर्म में की जाती
है। उच्च न्यायालय ने सरकार के उक्त कार्यक्रम को वैकल्पिक घोषित कर राज्य सरकार
को निर्देश दिया है कि वह अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों को इसमें भाग लेने के लिये बाध्य
न करे।