2012-07-02 15:07:13

देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ करने से पूर्व संत पापा द्वारा दिया गया संदेश


वाटिकन सिटी 2 जुलाई 2012 (सेदोक एशिया न्यूज)
श्रोताओ संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने रविवार 1 जुलाई को संत पेत्रुस बासिलिका के प्रांगण में देश विदेश से आये हजारों तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के साथ देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ किया। इससे पूर्व उन्होंने इताली भाषा में सम्बोधित करते हुए कहा-
अतिप्रिय भाईयो और बहनो,
इस रविवार को सुसमाचार लेखक संत मारकुस हमारे सामने चमत्कारिक चंगाई के दो दृष्टान्तों को रखते हैं जिसे येसु ने दो महिलाओं के पक्ष में किया। सभागृह के अधिकारी जैरूस की बेटी तथा एक महिला को जो रक्तस्राव से पीडित थी। चंगाई के ये दृष्टान्त हमारे लिए निमंत्रण हैं कि हम क्षैतिज और भौतिकतावादी जीवन पर विजय पायें। ये दो प्रसंग हैं जिसकी दो स्तरों पर व्याख्या की जाती है। एक जो भौतिक है- येसु मानव पीड़ा को देखकर झुकते हैं तथा शरीर को चंगा करते हैं, दूसरा- येसु मानव ह्दय को चंगा करने आये, मुक्ति देने तथा उन पर विश्वास करने के लिए कहते हैं।
पहले प्रसंग में वस्तुतः यह समाचार की जैरूस की बेटी मर चुकी है इसपर येसु सभागृह के अधिकारी जैरूस से कहते हैं- डरिए नहीं, बस विश्वास कीजिए। येसु उन्हें अपने साथ लेते हैं तथा लड़की का हाथ पकड़ कर कहते हैं- ओ लड़की, मैं तुमसे कहता हूँ उठो। लड़की उसी क्षण उठ खडी हुई और चलने फिरने लगी। येसु की मुक्तिदायी शक्ति पर बल देते हुए इन शब्दों पर संत जेरोम टिप्पणी करते हुए कहते हैं- लड़की मेरे लिए उठो, मेरी कृपा के लिए धन्यवाद। इसलिए मेरे लिए उठो, चंगा होने की सचाई तुम्हारे सदगुणों पर निर्भर नहीं है।
दूसरे प्रसंग में रक्तस्राव से पीड़ित महिला पुनः जोर देती है कि कैसे येसु आये ताकि मानव को उसकी सम्पूर्णता में मुक्त कर सकें। वस्तुतः चंगाई दो चरणों में सम्पन्न होती है। पहला शारीरिक चंगाई लेकिन यह गहन चंगाई से निकटतापूर्वक जुड़ा है जिसमें उन लोगों पर ईश्वर की कृपा होती है जो विश्वास में प्रभु के लिए खुले हैं। येसु कहते हैं- बेटी तुम्हारे विश्वास ने तुम्हें चंगा कर दिया है। शांति प्राप्त कर जाओ और अपने रोग से मुक्त रहो।
हम ईश्वर से माँगते हैं कि हमारी समस्याओं से मुक्त हो जायें, दैनिक जरूरतें पूरी हो जायें तथा यह सही है लेकिन इसके साथ ही हम चाहते हैं मजबूत विश्वास ताकि प्रभु हमारे जीवन को नवीकृत करें तथा उनके प्रेम और दया पर हमारा दृढ़ भरोसा हो कि वे हमारा परित्याग नहीं करेंगे।
येसु मानव की पीड़ा के प्रति सचेत हैं और हमें उन सबलोगों का भी स्मरण कराते हैं जो बीमारों को अपना क्रूस ढोने के लिए सहायता करते हैं, विशिष्ट रूप से, डाक्टर्स, चिकित्सा स्वास्थ्यकर्मी तथा सब लोग, जो घरों में मेषपालीय सेवा उपलब्ध कराते हैं। वे सब प्रेम की निधि हैं जो पीडितों के सामने आशा और शांति धारण करते हैं। मैंने प्रेरितिक विश्व पत्र देऊस कारितास एस्त में लिखा कि इस अनमोल सेवा में आप सबसे पहले प्रोफेशनल रूप से सक्षम बनें। यह प्राथमिक, बुनियादी जरूरत है लेकिन केवल यही पर्याप्त नहीं है। वस्तुतः वे मानव प्राणी हैं जिन्हें हमारी मानवता और हमारे दिल से उत्पन्न ध्यान की जरूरत है। इसलिए प्रोफेशनल प्रशिक्षण के साथ ही इन कार्यकर्ताओं को परोपकारी होने की जरूरत है तथा सबसे ऊपर प्रशिक्षण, ख्रीस्त में ईश्वर के साथ साक्षात्कार की ओर ले चले जो उनके प्रेम को जगाता है तथा उनकी आत्माओं को दूसरों के लिए खोलता है।
हम कुँवारी माता मरियम से याचना करते हैं कि विश्वास की हमारी यात्रा में और विशेष रूप से जरूरतमंदों के प्रति व्यवहारिक प्रेम के लिए हमारे समर्पण में वे हमारे साथ रहें। हम आत्मा और शरीर से पीड़ा सह रहे भाई बहनों के लिए उनकी ममतामयी मध्यस्थता की याचना करते हैं।
इतना कहने के बाद संत पापा ने देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ किया और सबको अपना प्रेरितिक आशीर्वाद प्रदान किया।








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