मंगलोर, 2 जुलाई, 2012 (कैथन्यूज़) कर्नाटक के मीडियाकर्मियों चर्च से अपील की है कि
वे मीडियाकर्मियों के प्रशिक्षण का नेतृत्व करे। उन्होंने कहा कि सेक्युलर मीडिया के
लिये कार्यरत मीडियाकर्मी इसमें चर्च के साथ पूर्ण सहयोग करेंगे। उक्त बातें ‘वर्किंग
जर्नालिस्ट एसोसिएशन ऑफ साउथ कनारा’ जिले के अध्यक्ष पीबी हरिष राय ने उस समय कही जब
उन्होंनें कन्नड भाषा के पहले समाचारपत्र ‘मंगलूरु समाचारा’ प्रकाशन दिवस 1 जुलाई को
लोगों को संबोधित किया। विदित हो कि ‘मंगलूरु समाचारा’ का प्रकाशन सन् 1843 ईस्वी
में एक प्रोटेस्टंट जर्मन मिशनरी मान्यवर हेरमन मोगलिंग द्वारा किया गया। तब से कर्नाटक
के मीडियाकर्मी 1 जुलाई को ‘जर्नालिज़्म डे’ (पत्रकारिता दिवस) रूप में मनाते हैं। संघ
के अध्यक्ष ने कहा कि वर्षों पहले मंगलोर अवस्थित ‘संदेश प्रतिष्ठान’ सेक्युलर मीडिया
के सात योगदान किया करता था और चर्च और मीडियाकर्मियों के बीच एक सेतु का कार्य करता
था। राय ने बतलाया कि कन्नड समाचारपत्र के संस्थापक मोगलिंग कहा करते थे कि "समाज
एक बंद कमरे के समान है जो समाचारपत्र की खिड़की से प्रकाश पाता है।" उनका मानना था
कि सफल मीडिया, समाज की सच्ची खिड़की होती है जो लोगों को सचमुच जीवन प्रदान करती है।
इस
अवसर पर उपस्थित वाटिकन रेडियो के अंग्रेजी विभाग के पूर्व मीडियाकर्मी जेस्विट युजिन
लोबो ने कहा कि मीडिया का कार्य है कि वह लोगों को मूल्यों का ज्ञान दे ताकि मानव जीवन
शांति और आंतरिक आनन्द से भर सके।
पत्रकारिता दिवस के अवसर पर ती पत्रकारों को
सम्मानित भी किया गया जो हिन्दु मुसलिम और ख्रीस्तीय धर्मावलंबी थे। सम्मानित किये जानेवालों
में कन्नड मासिक ‘अनुपमा’ की सम्पादक एम. शाहनाज़, मंगलोरियन डॉट कॉम की निदेशक वायलेट
पेरेरा और एक स्थानीय हिन्दु पत्रकार शामिल हैं।
वायलेट परेरा ने कहा कि सेक्युलर
मीडियाकर्मियों को ईसाई समुदाय की अपेक्षा हिन्दुओं और मुसलमानों से अधिक सहयोग प्राप्त
होता है।
उधर ‘संदेशा’ के निदेशक फादर विजय लोबो ने कहा कि उनका केन्द्र मीडिया
प्रशिक्षण के लिये कुछ ठोस योजना बनायेगी और उसे लागू करेगी। .