वाटिकन सिटी, 30 जून, 2012 (लोसेर्वातोरे रोमानो) संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें आशा व्यक्त
करते हुए कहा है कि एक ऐसा दिन आयेगा जब काथलिक और ऑर्थोडॉक्स कलीसिया पूर्ण रूप से एक
यूखरिस्तीय भोज को ग्रहण कर पायेंगे। संत पापा ने उक्त बात उस समय कही जब उन्होंने
28 जून को संत पेत्रुस और पौलुस के महोत्सव की पूर्व संध्या कोन्सतनतिनोपल के एक्युमिनकल
पैट्रियार्क के प्रतिनिधिमंडल के साथ मुलाक़ात की। संत पापा ने कहा कि द्वितीय वाटिकन
महासभा के 50वें वर्षगाँठ पर काथलिक और ऑर्थोडॉक्स कलीसिया अपने रिश्तों के एक बहुत ही
महत्वूपूर्ण मोढ़ पर आ गयी है। 50वीं सालगिरह समारोह का उद्घाटन 11 अक्तूबर को किया जायेगा। उन्होंने
कहा कि ऑर्थोडॉक्स कलीसिया से मुलाक़ात इसलिये भी महत्वूपूर्ण है क्योंकि हम इसी समय
सार्वभौमिक कलीसिया की एकता की तीव्र अभिलाषा को दुहराती है जिसकी शुरुआत की प्रेरणा
संत पापा जोन तेईसवें और पौल षष्टम् तथा एक्युमेनिकल पैट्रियार्क अथेनागोरस को मिली थी।
उन्हीं के प्रयासों से एक्युमेनिकल पैट्रियार्क और काथलिक कलीसिया के बीच वार्ता
और एकता का साहसिक कदम आगे बढ़ा। संत पापा ने कहा कि आज उनके लिये विशेष खुशी का
दिन है क्योंकि पैट्रियार्क बारथोलोमी प्रथम ने अपने पूर्ववर्ती पैट्रियार्कों अथेनागोरस
और दिमित्रियोस के पदचिह्नों पर चलते हुए अन्तर कलीसियाई वार्ता और पूरी दुनिया में सुसमाचार
के प्रचार के प्रति उत्साह एवं समर्पण दिखलाया है।