2012-06-28 13:39:06

धर्मपरिवर्तन विरोधी कानून की सिफ़ारिश का विरोध


इम्फाल, 28 जून, 2012(कैथन्यूज़) ऑल इंडिया क्रिश्चियन कौंसिल (एआईसीसी) ने मणिपुर में धर्मपरिवर्तन विरोधी कानून की सिफ़ारिश की निंदा की है।

समिति के महासचिव मधु चन्द्र ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा, "समिति हिन्दुत्व शक्ति के ईशारे पर मणिपुर को अस्त-व्यस्त करने के किसी भी प्रयास का विरोध करेगी।"

समिति के क्षेत्रीय महासचिव ने उक्त बात उस समय कही जब उन्होंने इम्फाल में आदिवासी लोक मोर्चा (इंडीजेनस पीपल्स फोरम) द्वारा दिये गये सिफ़ारिश पर अपनी टिप्पणी की।

मालूम हो 24 जून को मोर्चा ने एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया था जिसकी विषयवस्तु थी ‘फुसलाना और धर्मपरिवर्तन कराना और’ धार्मिक स्वतंत्रता की संवैधानिक व्याख़्या।

उन्होंने कहा, "इस प्रकार की विचारधारा के पीछे हिन्दुत्व के छिपी रणनीति सक्रिय है।"
ज्ञात हो कि भारत में धर्मपरिवर्तन विरोधी कानून लाया गया है ताकि बहकाकर किये जानेवाले धर्मपरिवर्तन को रोका जा सके। इसे मध्यप्रदेश, ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़ और हिमाचल प्रदेश आदि राज्यों में लागु किया जा चुका है।
समिति के महासचिव चंद्र ने आरोप लगाया है कि ओडिशा, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में हिन्दुत्व ताकतों ने इसका दुरुपयोग कर अल्पसंख्यकों को तबाह किया है।
कई राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने धर्मपरिवर्तन विरोधी कानून को अत्यंत कठोर और मानवाधिकारों तथा संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन कहा है।
समिति ने लोगों को राज्य की शांति और सद्भाव को तोड़नेवाली हिन्दुत्व शक्तियों के विरुद्ध सतर्क रहने की चेतावनी दी है।












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