देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ करने से पूर्व संत पापा द्वारा दिया गया संदेश
वाटिकन सिटी 25 जून 2012 (सेदोक एशिया न्यूज) श्रोताओ संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें
ने रविवार 24 जून को संत पेत्रुस बासिलिका के प्रांगण में देश विदेश से आये हजारों तीर्थयात्रियों
और पर्यटकों के साथ देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ किया। इससे पूर्व उन्होंने इताली भाषा
में सम्बोधित करते हुए कहा- अतिप्रिय भाईयो और बहनो, आज 24 जून को हम संत योहन
बपतिस्ता का पर्व मनाते हैं। कुँवारी माता मरिया के अतिरिक्त जोन बपतिस्ता ही एकमात्र
संत है जिनका जन्मदिवस का समारोह पूजनधर्मविधि में मनाया जाता है। यह इसलिए क्योंकि यह
ईश पुत्र के देहधारण के रहस्य से निकटतापूर्वक जुड़ा है। योहन बपतिस्ता अपनी माता के
गर्भ में ही येसु के अग्रदूत थे। देवदूत ने इस विशिष्ट गर्भधारण के बारे में मरिया को
बताया था ऐसा चिह्न जो दिखाता है कि ईश्वर के लिए कुछ भी असंभव नहीं है। चारों सुसमचार
संत योहन बपतिस्ता की छवि के बारे में जोर देते हैं जो नबी हैं तथा पुराने विधान का समापन
कर नये विधान की शुरूआत करते हैं। नाजरेथ के येसु को मसीह के रूप में उजागर करते हैं
जो प्रभु द्वारा अभिषिक्त हैं। देखो, मैं अपने दूत को तुम्हारे आगे भेजता हूँ। वह तुम्हारे
आगे तुम्हारा मार्ग तैयार करेगा। मैं तुमलोगों से यह कहता हूँ- मनुष्यों में योहन बपतिस्ता
से बड़ा कोई पैदा नहीं हुआ। फिर भी, स्वर्गराज्य में जो सब से छोटा है वह योहन से बड़ा
है। योहन के पिता जखारियस, एलिजाबेथ के पति, मरियम के संबंधी थे वे एक यहूदी पुरोहित
थे। उन्होंने अनापेक्षित पिता बनने की अपनी स्थिति पर सहसा विश्वास नहीं किया और इसलिए
बच्चे के ख़तना होने तक वे मौन रहे जिसे पति और पत्नी ने ईश्वर द्वारा निर्देशिक नाम
योहन दिया जिसका अर्थ है -प्रभु की कृपा। पवित्र आत्मा से प्रेरणा पाकर जखारियस ने अपने
पुत्र के मिशन के बारे में कहा- बालक, तू सर्वोच्च ईश्वर का नबी कहलायेगा क्योंकि प्रभु
का मार्ग तैयार करने और उसकी प्रजा को उस मुक्ति का ज्ञान कराने के लिए जो पापों की क्षमा
द्वारा उसे मिलनेवाली है तू प्रभु का अग्रदूत बनेगा।
यह सब 30 साल बाद पूरा
हुआ जब योहन ने यर्दन नदी के तट पर लोगों को बपतिस्मा देना शुरू किया। उन्होंने मसीह
जिनके बारे में ईश्वर ने यहूदिया के निर्जन प्रदेशों में रहते समय उनपर प्रकट किया था
उनके आगमन के लिए लोगों को पश्चाताप के कृत्यों द्वारा पापस्वीकार करते हुए तैयारी करने
का आह्वान किया। इसी कारण से योहन को बपतिस्ता, बपतिस्मा देनेवाला कहा गया। एक दिन
जब येसु बपतिस्मा लेने के लिए नाजरेथ से आये तो योहन ने पहले इंकार किया फिर सहमत हो
गये तथा येसु के ऊपर पवित्र आत्मा को आते देखा और ईश पुत्र के लिए स्वर्ग से पिता ईश्वर
की दिव्य वाणी को सुना। तथापि उनका मिशन पूरा नहीं हुआ था। इसके तुरंत बाद ही येसु के
सामने हिंसक मरण के लिए उनका बुलावा हुआ। राजा हेरोद की जेल में योहन बपतिस्ता का सिर
धड़ से अलग कर दिया गया और इस तरह उन्होंने ईश्वर के मेमेने का पूरा साक्ष्य दिया, जिसे
उन्होंने सबसे पहले सार्वजनिक रूप से पहचाना तथा जिसकी घोषणा की थी। प्रिय मित्रो,
कुँवारी माता मरियम ने अपनी बुजुर्ग संबंधी एलिजाबेथ की सहायता की जब योहन एलिजाबेथ के
गर्भ में थे। ईशपुत्र येसु ख्रीस्त का अनुसरण करने के लिए मरियम हम सबकी सहायता करें
जिनकी उदघोषणा योहन बपतिस्ता ने महान विनम्रता और नबूवती साहस के साथ की। इतना कहने
के बाद संत पापा ने देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ किया और सबको अपना प्रेरितिक आशीर्वाद
प्रदान किया।