पणजी,गोवा, 18 जून,2012 (कैथन्यूज़) गोवा की कैथोलिक माइन्योरिटी फ्रंट ने राज्य सरकार
से माँग की है वह आवश्यक कदम उठाये और हिन्दुत्ववादी श्री राम सेना पर प्रतिबंध लगाये।
‘ऑल गोवा कैथोलिक माइन्योरिटी फ्रंट’(एजीसीएमएफ) के सरकार से ऐसी माँग उस
समय की है जब श्री राम सेना ने गोवा में अपने ईकाई खोलने के संकेत दिये।
कैथोलिक
फ्रंट ने लोगों को चेतावनी देते हुए कहा है कि वे किसी भी अतिवादी तत्वों के राज्य की
शांति भंग करने के प्रयास को असफल करें।
कैथोलिक फ्रंट के संयोजक बरनाबे सपेको
और एड्डी फरनान्डेज़ ने सयुक्त रूप से कहा, "अतीत के अनुभव बतलाते हैं कि सेना की गतिविधियों
से गोवा के विभिन्न समुदायों के बीच के वर्षों के स्थापित सौहार्दपूर्ण संबंध पर प्रतिकूल
असर पड़ेगा।
उन्होंने अपने कहा, "प्रत्येक गोवा निवासी श्री राम सेना प्रमुख
प्रमोद मुतालिक के वक्तव्य का विरोध करे जिसमें उन्होंने कहा है कि उनका संगठन युवाओं
की गतिविधियों पर नज़र रखेगी। कैथोलिक फ्रंट का मानना है कि अतिवादी हिन्दु संगठन
युवाओं की स्वतंत्रता का हनन करेगा विशेष करके संविधान द्वारा दिये गये अल्पसंख्यक स्वतंत्रताओं
का। उन्होंने कहा कि ऐसे संगठन को गोवा में किसी प्रकार की ईकाई खोलने की अनुमति नहीं
मिलनी चाहिये जिसका इतिहास ही हिंसा और धमकियों का रहा है. विदित हो कि सन् 2008 में
श्री राम सेना के कार्यकर्त्ताओं ने दिल्ली में आयोजित एम.एफ हुसैन की पेंटिंग प्रदर्शनी
की तोड़-फोड़ यह कहकर की थी उन्होंने हिन्दु देवी-देवताओं का अपमान किया है। महाराष्ट्र
पुलिस के अनुसार मालेगाँव ब्लास्ट में इसी संगठन के सदस्यों का हाथ है।