डबलिनः आयरलैण्ड में सन्त पापा के प्रतिनिधि ने दुराचार के शिकार लोगों से की मुलाकात
डबलिन, 14 जून सन् 2012 (सेदोक): आयरलैण्ड के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन ने बुधवार
को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर प्रकाशित किया कि सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें के विशेष
दूत कार्डिनल मार्क ओले ने आयरलैण्ड के लोफ डेर्ग में यौन दुराचार के शिकार बने युवाओं
से मुलाकात की। इस समय आयरलैण्ड में 50 वाँ अन्तरराष्ट्रीय यूखारिस्तीय सम्मेलन जारी
है जिसके लिये सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने कार्डिनल मार्क ओले को अपना विशेष दूत बनाकर
भेजा है। धर्माध्यक्षों की प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया की सोमवार तथा मंगलवार
को कार्डिनल ओले ने लोफ डेर्ग तक की तीर्थयात्रा की तथा पुरोहितों के यौन दुराचार का
शिकार बने कुछेक युवाओं से मुलाकात की। बताया गया कि लगभग 100 आयरी एवं विदेशी तीर्थयात्रियों
की उपस्थिति में कार्डिनल मार्क ओले ने सन्त पैट्रिक महागिरजाघर में ख्रीस्तयाग अर्पित
किया तथा कलीसिया के कुछेक कार्यकर्त्ताओं द्वारा किये गये दुराचारों के लिये क्षमा याचना
की। ख्रीस्तयाग प्रवचन में कार्डिनल ओले ने सम्पूर्ण काथलिक कलीसिया तथा सन्त पापा
बेनेडिक्ट 16 वें की ओर से दुराचारी पुरोहितों के दुष्कर्मों के लिये क्षमा याचना की।
उन्होंने कहा, "कलीसिया के नाम पर, एक बार फिर, मैं, दुराचार के शिकार बनाये गये लोगों
से क्षमा की याचना करता हूँ।" कार्डिनल महोदय ने कहा, "ख्रीस्तीयों और विशेष रूप
से पुरोहितों द्वारा बच्चों के विरुद्ध यौन दुराचार महान लज्जा एवं कलंक की बात है। यह
वह पाप है जिसके विरुद्ध प्रभु येसु ने फटकार बताई थी, "धिक्कार उस मनुष्य को, जो प्रलोभन
का कारण बनता है! उन नन्हों में से एक के लिए भी पाप का कारण बनने की अपेक्षा, उस मनुष्य
के लिए, अच्छा यही होता कि उसके गले में चक्की का पाटा बाँधा जाता और वह समुद्र में फेंक
दिया जाता (लूकस 17:2)।" कार्डिनल ओले ने बच्चों को सुरक्षा प्रदान करने हेतु
काथलिक कलीसिया की वचनबद्धता को दुहराया और कहा कि ऐसे सुरक्षित वातावरण के निर्माण का
कलीसिया प्रयास करेगी जहाँ बच्चे, "समाज में व्याप्त सम्मान की नई संस्कृति, अखण्डता
तथा ख्रीस्त के सदृश प्रेम" का अनुभव कर सकें। कार्डिनल महोदय ने कहा कि यौन दुराचार
के शिकार लोगों का साक्ष्य सुनकर वे अत्यन्त दुखी हुए हैं तथा अपनी मुलाकात के विषय में
सन्त पापा को अवगत करायेंगे।