2012-06-11 15:17:13

संस्कारों से वंचितों का दुःख एक सामुहिक साक्ष्य


वाटिकन सिटी, 11 जून, 2012 (न्यूज़.वी.ए.)वाटिकन प्रवक्ता जेस्विट फादर फेदेरिको लोमबारदी ने कहा, "यूखरिस्तीय आराधना यूखरिस्तीय शोभायात्रा दोनों यूखरिस्तीय बलिदान के पूरक हैं।"

फादर लोमबारदी ने उक्त बात उस समय कही जब उन्होंने वाटिकन टेलेविज़न चैनल के साप्ताहिक कार्यक्रम ‘ऑक्तावा दियेस’ में ‘कोरपुस दोमिनि’ के महोत्सव के अवसर पर संत पापा के विचारों पर अपने चिन्तन प्रस्तुत किये।

उन्होंने कहा, "यूखरिस्तीय आराधना और यूखरिस्तीय बलिदान के बार में चिन्तन करते हुए मुझे संत पापा की बातों को याद किया जिसे उन्होंने मिलान में आयोजित विश्व परिवार दिवस में कहा था कि ऐसे लोग जिनकी वैवाहित स्थिति असामान्य है वे परमप्रसाद ग्रहण नहीं कर सकते हैं।"

उन्होंने कहा, "ऐसे लोगों के लोगों को चाहिये कि वे इस बात का अनुभव करें कि यूखरिस्त सच्चा है और वे सचमुच प्रभु येसु के शरीर के अभिन्न अंग बन जाते हैं। अगर वे यूखरिस्तीय बलिदान में अगर वे परमप्रसाद बिना ग्रहण किये ऐसा कर पाते हैं तो वे येसु के साथ संयुक्त है।"

उन्होंने कहा, "यह भी सत्य है कि येसु का शरीर सिर्फ़ परमप्रसाद नहीं है पर पूरा ख्रीस्तीय समुदाय ही येसु का शरीर है। इसलिये लोगों को आध्यात्मिक एकता के लिये आमंत्रित करने का अर्थ झूठी सांत्वना देना नहीं पर यह है विश्वास में जीवन और विश्वासी समुदायों के विभिन्न आयामों का विस्तार करना।"

फादर लोमबारदी ने कहा अगर हम एक समुदाय के रूप में देखें और उसे स्वीकारें तो
परमप्रसाद संस्कार से वंचित लोगों का दुःख को समुदाय के सामुहिक साक्ष्य रूप में स्वीकार किया जा सकता है। और ऐसा समझा जा सकता है कि यह दुःख सांस्कारिक वैवाहिक प्रेम और इसके महत्व को स्थायित्व देने के लिये है। यह कलीसिया का एक वरदान है।"
फादर लोमबारदी ने कहा, "यह सचमुच में वे समुदाय के बाहर नहीं पर सुमदाय में पूर्ण रूपेण अंदर है। वे पूर्णरूप से अन्दर हैं क्योंकि उनमें समुदाय से वंचित होने के कारण समुदाय में रहने की तीव्र इच्छा है।











All the contents on this site are copyrighted ©.